अहमदाबाद : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गुजरात के ऊपर कराये गए सर्वे ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है. आरएसएस के अनुसार अगर इस वक्त गुजरात में विधानसभा चुनाव होते हैं, तो भाजपा 182 में से 60-65 सीटें ही जीत पायेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह सर्वे गुजरात में फैले दलित आंदोलन के बाद किया गया है. जानकारों की माने तो यही कारण है कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को अपना पद त्यागने का कठिन फैसला लेना पड़ा. खबर है कि आरएसएस ने यह सर्वे दिखाकर ही गुजरात की पहली महिला सीएम को इस्तीफा देने के लिए तैयार किया.
इस सर्वे को आरएसएस के जमीनी प्रचारकों ने किया है. इन प्रचारकों को फीडबैक लेने का प्रशिक्षण दिया गया है. सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि भाजपा के हिंदू वोट बैंक का ध्रुवीकरण लगातार हो रहा है. सर्वे में यह भी सामने आया है कि ऊना की घटना के बाद दलितों ने भाजपा से दूरी बना ली है.
‘अहमदाबाद मिरर’ की माने तो पाटीदार आरक्षण और दलित आंदोलन की वजह से पार्टी की छवि को खासा नुकसान पहुंचा है और 2017 के चुनावों में भाजपा का 18 सीटों पर भारी अंतर से चुनाव हारना तय है. सर्वे में यह भी बात सामने आयी है कि राज्य के आदिवासी अब सरकारी नौकरियों और भूमि आवंटन की प्रक्रिया में हिस्सेदारी की मांग लेकर आंदोलन कर सकते हैं.
हालांकि इस सर्वे से आरएसएस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है और कहा है कि ऐसा किसी प्रकार का सर्वे उसकी ओर से नहीं किया गया है. आरएसएस ने कहा है कि भाजपा खुद ऐसे सर्वे करवा सकती है.