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कश्मीर हिंसा: कर्फ्यू जारी, मरने वालों की संख्या हुई 34, सैयद अली शाह गिलानी गिरफ्तार

श्रीनगर : हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में भड़की हिंसा में अबतक 34 लोगों की जान जा चुकी है. घाटी में हिंसा की आग अभी तक ठंडी नहीं हुई है. आज सैयद अली शाह गिलानी ने हैदरपुर में कर्फ्यू के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की कोशिश की जिसके बाद […]

श्रीनगर : हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में भड़की हिंसा में अबतक 34 लोगों की जान जा चुकी है. घाटी में हिंसा की आग अभी तक ठंडी नहीं हुई है. आज सैयद अली शाह गिलानी ने हैदरपुर में कर्फ्यू के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने प्रतिबंधों का उल्लंघन किया एवं शहर के निचले इलाके में शहीदों के कब्रिस्तान तक मार्च निकालने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया. गिलानी नजरबंद थे और उन्हें पुलिस ने हैदरपोर में उनके आवास के बाहर हवाईअड्डा सडक पर हिरासत में ले लिया.

गिलानी ने प्रतिबंधों का उल्लंघन किया और वर्ष 1931 में राजशाही के खिलाफ लडाई में अपनी जान गंवाने वालों की 85वीं बरसी मनाने के लिए उन्होंने शहीदों के कब्रिस्तान की ओर मार्च निकालने की कोशिश की. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिलानी ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की कोशिश की इसलिए पुलिस ने उन्हें उनके आवास के बाहर हिरासत में ले लिया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने हुर्रियत के कुछ अन्य नेताओं को भी हिरासत में लिया है.

इधर, पंपोर और कुपवाडा शहरों समेत कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जारी है और शेष घाटी में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध बरकरार है. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुइ झडपों में मरने वालों की संख्या 34 हो गई है. अधिकारियों ने झडपों में सात और लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है. ये झडपें हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की एक मुठभेड में हुई मौत के बाद शुक्रवार शाम को शुरू हुई थीं.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मृतक संख्या अब बढकर 34 हो चुकी है और इसमें भीड की हिंसा में मारा गया एक पुलिसकर्मी भी शामिल है. इसमें एक घायल नागरिक भी शामिल है, जिसने आज सुबह एसकेआईएमएस अस्पताल में दम तोड दिया.’ आज सुबह दम तोडने वाले मुश्ताक अहमद डार कुलगाम जिले के खुदवानी में शनिवार को घायल हो गए थे. उन्होंने कहा कि अधिकतर मौतें शनिवार को हुईं। उस दिन भीड ने पुलिस पर और दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला किया था. लेकिन सभी मौतों की वजहों का पता नहीं लगाया जा सका क्योंकि परिस्थितियों के चलते कानून प्रवर्तन एजेंसियां जानकारी नहीं जुटा सकीं.

कश्मीर के मंडल आयुक्त असगर समून ने कल कहा था कि झडपों में मरने वाले नागरिकों की संख्या 22 है. हालिया आंकडों के मुताबिक, अधिकतर मौतें अनंतनाग जिले (16) में हुईं. इसके बाद कुलगाम (8), शोपियां (5), पुलवामा (3), श्रीनगर (1) और कुपवाडा (1) का स्थान है. पंपोर, कुपवाडा और अनंतनाग समेत घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जारी है और शेष घाटी में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगे हुए थे. सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेडों में नागरिकों की मौतों का विरोध करने के लिए अलगाववादियों ने बंद आयोजित किया है. इसके चलते आज लगातार पांचवे दिन भी सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. बंद के चलते दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे जबकि सार्वजनिक और निजी यातायात सडकों से नदारद रहे. मोबाइल इंटरनेट और रेल सेवाएं अब भी निलंबित हैं जबकि कल प्रदर्शनों के दौरान एक युवक की मौत के बाद कुपवाडा इलाके में मोबाइल फोन सेवा बंद कर दी गई है. दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल फोन सेवा आंशिक तौर पर निलंबित की गई है.

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