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भाजपा का धनबल, बाहुबल और सत्ताबल राजनीतिक अनिश्चितता का खेल कर रहा है : हरीश रावत

देहरादून/नयी दिल्ली : विनम्र व सहज व्यक्तित्व के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के तेवर इन दिनों बेहद कड़े हैं.उन्होंने भाजपा को सत्ता को बदलने के खेल में शामिल बताते हुए कहा कि इससे राज्य में अस्थिरता आयेगी. उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को विश्वास मेंलेलिया है, जिसके बादबागियों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. इस क्रम […]

देहरादून/नयी दिल्ली : विनम्र व सहज व्यक्तित्व के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के तेवर इन दिनों बेहद कड़े हैं.उन्होंने भाजपा को सत्ता को बदलने के खेल में शामिल बताते हुए कहा कि इससे राज्य में अस्थिरता आयेगी. उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को विश्वास मेंलेलिया है, जिसके बादबागियों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. इस क्रम में बगावत का झंडा बुलंद करने वालेविजयबहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा वअनिलगुप्ताको कांग्रेस ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. वहीं नौ जिला कांग्रेस कमेटियों को भंग कर दिया गया है. उधर, सरकार के स्तर पर रावत सख्त हैं. सीएमपहले ही बागी मंत्री हरक सिंह रावत व बागी विधायक के महाधिवक्ता भाई को बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं. ध्यान रहे कि हरीश रावत आज ही पार्टी हाइकमान से मिल कर दिल्ली से देहरादून लौटे हैं.हरीश रावत ने अपने समर्थक विधायकों को जिम कार्बेट भेज दिया है, ताकि बागियों के संपर्क में आने से उनका मन न डोल जाये. वहीं, दिल्ली में बागी नौ विधायक अमित शाह को साधने में जुट हैं, ताकि भाजपा प्लस कांग्रेस बागी की सरकार बन जाये और उसमें उन्हें जगह मिल जाये.

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों को राजी कर लिया था जिसके तहत विजय बहुगुणा को राज्यसभा भेजनेऔर विधानसभा में मनपसंद की सीट देने का फार्मूला तय हुआ था. विधायक इस डील से संतुष्ट थे लेकिन विजय बहुगुणा के बेटे ने बागी विधायकों के साथ एक बार फिर बैठक की, जिसके बाद विधायकों ने इस डील को मानने से इनकार कर दिया है. पार्टी ने साकेत को पार्टी विरोधी कार्य में संलिप्त रहने के लिए निकाला है.
गौरतलब है कि कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने कांग्रेस के तख्ता पलट की पूरी तैयारी कर ली है. कांग्रेस अपने कुनबे को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें ऐसी जगह पर ले गयी है, जहां बाकी विधायक बागी विधायकों के संपर्क में ना आयें. भाजपा भी उन विधायकों को सुरक्षित रखना चाहती है जो उनके साथ आये हैं. इन सबके बीच 28 मार्च को मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित करना है.
हालांकि भाजपा का आरोप है कि रावत को 22 मार्च को ही बहुमत साबित करना चाहिए, ज्यादा लंबा समय मिलने पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का वक्त मिल जाता है. उधर, राज्यपाल ने केंद्र को आज राज्य के राजनीतिक हालात की रिपोर्ट भेजी है. इसमें उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही की सीडी भी भेजी है.

ऐसे तो हर साल एक मुख्यमंत्री बदल जायेगा : हरीश रावत
रावत ने अपनी सरकार के संकट के बाबत आज दोपहर मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि भाजपा के निरंकुश बाहुबल, धनबल और सत्ताबल खेल कर रहा है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत महत्वपूर्ण नहीं हैं, मुख्यमंत्री आते और जाते हैं. पर, सरकारें बदलने के लिए धनशक्ति का प्रयोग सरकार बदलने के लिए किया जायेगा, तो हर साल राज्य में एक मुख्यमंत्री बदल जायेंगे जिससे राज्य में अनिश्चितता आयेगी.

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