19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हिंदी और उर्दू के मशहूर शायर पद्मश्री निदा फाजली का निधन

मशहूर हिंदी और उर्दू शायर निदा फाजली का निधन हो गया है. 78 साल की आयु में निदा फाजली का सांस लेने की तकलीफ के बाद निधन हो गया. फाजली साहब का साहित्य के साथ-साथ बॉलीवुड में भी विशेष योगदान रहा. वे उर्दू के काफी सम्मानित शायरों में गिने जाते थे. फाजली साहब को 2013 […]

मशहूर हिंदी और उर्दू शायर निदा फाजली का निधन हो गया है. 78 साल की आयु में निदा फाजली का सांस लेने की तकलीफ के बाद निधन हो गया. फाजली साहब का साहित्य के साथ-साथ बॉलीवुड में भी विशेष योगदान रहा. वे उर्दू के काफी सम्मानित शायरों में गिने जाते थे. फाजली साहब को 2013 में पद्मश्री से नवाजा गया था, इसके साथ ही उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार प्राप्त किये हैं. फाजली साहब के पिता का नाम मुर्तुजा हसन और माता का नाम जमील फातिमा था. वे अपने माता-पिता के तीसरी संतान थे. उनका जन्म 12 अक्टूबर 1938 को दिल्ली में हुआ था.

उनका पूरा नाम मुक्तदा हसन निदा फाजली था. उन्होंने 1957 में ग्वालियर कॉलेज (विक्टोरिया कॉलेज या लक्ष्मीबाई कॉलेज) से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की. फाजली साहब के पिता भी एक शायर थे. इसलिए उन्हें शायरी की अदा विरासत मिली थी. हिन्दू-मुस्लिम कौमी दंगों से तंग आ कर उनके माता-पिता पाकिस्तान जा के बस गये, लेकिन निदा यहीं भारत में रहे. उनकी सरल और प्रभावकारी लेखनशैली ने उन्हें सम्मान और लोकप्रियता दिलाई.

उर्दू कविता का उनका पहला संग्रह 1969 में छपा. फाजली साहब के कुछ मशहूर काव्‍य संग्रह – लफ़्ज़ों के फूल (पहला प्रकाशित संकलन) मोर नाच, आंख और ख्वाब के दरमियां, खोया हुआ सा कुछ, आंखों भर आकाश, सफ़र में धूप तो होगी आदि हैं. इसी प्रकार उन्होंने दीवारों के बीच, दीवारों के बाहर और निदा फाजली के रूप में आत्मकथाएं भी लिखीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें