मास्को : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आज यहां पहुंचने पर उनका शानदार स्वागत किया गया. शाम 7.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस पहुंचे वहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान वहां राष्ट्रगान की धुन बजायी गयी लेकिन इससे पहले ही अधिकारी ने उन्हें आगे बढ़ने का इशारा कर दिया. इशारा मिलते ही मोदी आगे बढ़ गये लेकिन तबतक राष्ट्रगान की धुन शुरू हो चकी थी. प्रधानमंत्री जब आगे बढ़ने लगे तो उन्हें अधिकारी ने हाथ पकड़कर वापस बुलाया और राष्ट्रगान बजने तक प्रधानमंत्री राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े रहे. प्रधानमंत्री इस दौरान उहापोह की स्थिति में फंस गये .
रुस यात्रा के दौरान दोनो देशों के बीच रक्षा, परमाणु उर्जा और हाइड्रोकार्बन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई समझौते होना तय है, जिससे दोनो देशों के बीच दशकों से बंधी मैत्री की डोर और मजबूत होगी. रिमझिम बारिश और घने बादलों के बीच नुकोवा 2 हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री के पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया.
मोदी ने अंग्रेजी और रुसी में ट्वीट किया, ‘‘मास्को पहुंचा. इस छोटी सी लेकिन बहुत महत्वपूर्ण यात्रा में कई कार्यक्रम कतार में हैं.’ भारत और रुस के बीच होने वाली वार्षिक शिखर बैठक की श्रृंखला की 16वीं कडी में मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दोनो देशों के बीच आर्थिक आदान प्रदान बढाने और सामरिक संबंधों में इजाफा करने पर खास ध्यान दिए जाने की संभावना है. दोनो नेताओं के बीच इस तरह की यह दूसरी बैठक है. इसके अलावा सीरिया के हालात और आतंकवाद के खतरे से निपटने के उपायों जैसे विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत होगी.
ऐसी उम्मीद है कि रक्षा और परमाणु उर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढाने के साथ दोनो देशों के बीच कई समझौते आकार ले सकते हैं. रुस भारत का सबसे बडा हथियार आपूर्तिकर्ता है हालांकि पिछले कुछ वर्ष में भारत ने अमेरिका से भी कुछ सैन्य उपकरण खरीदने शुरु किए हैं. पिछले सप्ताह भारत के रक्षा मंत्रालय की शीर्ष खरीद परिषद ने 40,000 करोड रुपए की लागत से रुसी एस..400 ट्रिम्फ वायु सुरक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणाली की खरीद को मंजूरी दी थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचे और इस दौरान भारत और रुस के बीच रक्षा, परमाणु उर्जा और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में कुछ बडे समझौते होने की संभावना है, जिससे दोनो देशों के बीच दशकों पुराने मैत्रीपूर्ण एवं सामरिक संबंध और मजबूत होंगे.
भारत और रुस के बीच होने वाली वार्षिक शिखर बैठक की श्रृंखला की 16वीं कडी में मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दोनो देशों के बीच आर्थिक आदान प्रदान बढाने और सामरिक संबंधों में इजाफा करने पर खास ध्यान दिए जाने की संभावना है. दोनो नेताओं के बीच इस तरह की यह दूसरी बैठक है. इसके अलावा सीरिया के हालात और आतंकवाद के खतरे से निपटने के उपायों जैसे विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत होगी.
यात्रा के लिए अनुकूल माहौल बनाते हुए मोदी ने कहा कि रुस विश्व में भारत का ‘‘सबसे मूल्यवान’ मित्र है और वह कल पुतिन के साथ होने वाली अपनी बातचीत के नतीजों को लेकर ‘‘बहुत आशान्वित’ हैं.रुस की यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने नई दिल्ली में कहा, ‘‘रुस के साथ हमारे रिश्ते अद्भुत हैं, जिनमें मानवीय हित से जुडे सभी क्षेत्र शामिल हैं.’ खास विशिष्ट सामरिक रिश्तों से बंधे इन दोनो देशों के बीच वर्ष 2000 से इस वार्षिक बातचीत का सिलसिला चल रहा है, जो बारी बारी से मास्को और नई दिल्ली में आयोजित की जाती है. मोदी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं इस यात्रा के नतीजे को लेकर बहुत आशान्वित हूं। भारत और रुस के दशकों पुराने रिश्तों का इतिहास गवाह है. रुस भारत का विश्व में ‘‘सबसे मूल्यवान’ मित्र है.
मोदी ने कहा, ‘‘मेरी इस यात्रा से भारत और रुस के बीच आर्थिक, उर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा. हम अन्य क्षेत्रों के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खनन में भी सहयोग बढाना चाहते हैं.’ ‘‘भारत और रुस के बीच व्यापार संबंध भी और बढ सकते हैं. इससे न सिर्फ हमारे दोनो देशों बल्कि पूरी दुनिया को भी फायदा होगा.’ मोदी के सम्मान में आज रात पुतिन रात्रि भोज की मेजबानी करेंगे। दोनो नेता कल क्रेमलिन में भारतीय और रुसी सीईओ के एक समूह के साथ संवाद करेंगे. उक्रेन संकट के कारण पश्चिमी प्रतिबंधों से रुस की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है. पुतिन भारत के साथ आर्थिक रिश्ते बढाना चाहते हैं. इसके बदले भारत यूरेशियाई देश में तेल और गैस दोहन परियोजनाओं में शामिल होने में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है.
दोनो देशों के बीच मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार करीब 10 अरब अमेरिकी डालर है और दोनो ही पक्ष इसे अगले 10 वर्ष में 30 अरब डालर तक ले जाने का इरादा रखते हैं. मास्को में प्रधानमंत्री के स्वागत में कल एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें करीब तीन हजार लोगों के भाग लेने की उम्मीद है. भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को उकेरते इस ‘फे्रंडस आफ इंडिया’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन भी होगा. मोदी कल यहां रुस के राष्ट्रीय संकट प्रबंधन केंद्र का दौरा करेंगे। यह एक बहु स्तरीय समन्वय केंद्र है, जो आपदा की स्थिति में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के साथ ही लोगों को खतरे से अवगत कराता है.
द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा, मोदी और पुतिन के बीच राजनीतिक आयाम वाले वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत होने की संभावना है. इनमें सीरिया के हालात और आतंकवाद पर काबू पाने के तरीके शामिल हैं. पुतिन के साथ मोदी की यह दूसरी शिखर वार्ता है. पिछले साल 15वें भारत रुस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पुतिन ने नई दिल्ली की यात्रा की थी.