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कैबिनेट: स्पेन के साथ बंदरगाह क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सरकार की मंजूरी

नयी दिल्ली: सरकार ने आज बंदरगाह क्षेत्र में स्पेन के साथ करार को मंजूरी दे दी. इससे दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में संबंधों को मजबूत किया जा सकेगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बंदरगाह मामलों में भारत व स्पेन के बीच […]

नयी दिल्ली: सरकार ने आज बंदरगाह क्षेत्र में स्पेन के साथ करार को मंजूरी दे दी. इससे दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में संबंधों को मजबूत किया जा सकेगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बंदरगाह मामलों में भारत व स्पेन के बीच सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत करने को मंजूरी दी गई. बंदरगाह मामलों पर दोनों देशों के बीच संबंधों से उल्लेखनीय लाभ हासिल होगा.

इसी के मद्देनजर सहयोग बढाने को करार पर दस्तखत की मंजूरी दी गई. बयान में कहा गया है कि एमओयू पर दस्तखत से दोनों देशों को बंदरगाहों के विकास को प्रोत्साहन तथा उसे आगे बढाने में मदद मिलेगी. इससे एक सहयोग का मंच उपलब्ध होगा, जिससे समुद्री यातायात को स्थिर तरीके से बढाया जा सकेगा. करार से बंदरगाह की अगुवाई वाले विकास, बंदरगाह दक्षता, मौजूदा बंदरगाहों के आधुनिकीकरण, ड्रेजिंग आदि के क्षेत्रों में संयुक्त उपक्रम स्थापित करने मेंमदद मिलेगी. एमओयू पर आपसी सहमति वाली तारीख व स्थान पर दस्तखत किए जाएंगे
संशोधित द्विपक्षीय निवेश संधि मॉडल को कैबिनेट की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विदेशी निवेशकों को भारत में और भारतीय निवेशकों को विदेशों में अधिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से द्विपक्षीय निवेश संधि (बिट) के संशोधित मॉडल को आज मंजूरी दे दी. हालांकि, कर मामलों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘द्विपक्षीय निवेश संधि का संशोधित भारतीय मॉडल इसके मौजूदा भारतीय बिट माडॅल का स्थान लेगा.’
द्विपक्षीय निवेश संधि के संशोधित मॉडल को मौजूदा निवेश संधि पर पुन:बातचीत और नई निवेश संधियों में इस्तेमाल किया जायेगा. हालांकि, सरकारी खरीदारी, कराधान, सब्सिडी, अनिवार्य लाइसेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे मुद्दों को इससे अलग रखा गया है ताकि सरकार की नियामकीय शक्तियों को बरकरार रखा जा सके. आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है,
‘‘द्विपक्षीय निवेश संधि के संशोधित मॉडल में संबंधित अंतरराष्ट्रीय नियमों और व्यवहारों को देखते हुये विदेशी निवेशकों को भारत में और भारतीय निवेशकों को विदेशों में उचित सुरक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है. हालांकि, इसके साथ ही निवेशकों के अधिकारों और सरकार के दायित्व के बीच संतुलन भी बनाये रखा गया है.’ सरकार ने अब तक 83 देशों के साथ द्विपक्षीय निवेश संधियां की हैं. ये संधियां वर्ष 1993 के भारतीय मॉडल बिट के आधार पर की गईं। वक्तव्य में कहा गया है कि 1993 के बाद से जब पहली बार मॉडल बिट को मंजूरी दी गई सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में व्यापक बदलाव आ चुके हैं.
एयर इंडिया की कोयम्बटूर की जमीन एनबीसीसी को बेचने को मंजूरी
सरकार ने आज एयर इंडिया की तमिलनाडु के कोयम्बटूर स्थित जमीन को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) को 19.81 करोड रुपये में बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एयर इंडिया के पंकजा मिल्स रोड, कोम्बटूर स्थित 0.99 एकड प्लाट को 19.81 करोड रुपये में बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी.’ पिछले महीने सरकार ने घाटे में चल रही राष्ट्रीय विमानन कंपनी को मुंबई में चार आवासीय फ्लैट भारतीय स्टेट बैंक को 90 करोड रुपये में बेचने की अनुमति दी थी.
कोयम्बटूर के भूमि के टुकडे को मेटल एंड स्क्रैप ट्रेडिंग कारपोरेशन (एमएसटीसी) के जरिये ई-निविदा प्रक्रिया के जरिये बेचा जाएगा. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने अप्रैल 2012 में एयर इंडिया की सुपत्ति मौद्रीकरण योजना के साथ साथ इसे घाटे से उबारने की योजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत एयर इंडिया को 2013-14 से दस साल की अवधि में 5,000 करोड़ रुपये जुटाने है ताकि उसके बढते आय और व्यय फासले को पाटने में मदद मिल सके

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