नयी दिल्ली : अाम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की आज दिल्ली में बैठक शुरू हो गयी. अलीपुर मेंबैठकस्थल के बाहर आप से निकाले गयेसदस्य हंगामा करते दिखे.बैठक शुरू होते ही ये नेता वहां पहुंच गये और नीतीशकुमारकेशपथ ग्रहणसमारोह के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गले मिलने को लेकरविरोध करतेहुए केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजीकरनेलगे. उधर, पार्टी इस मामले पर केजरीवाल के बचाव की मुद्रा में दिखी. आप के नेता संजय सिंह ने इस मामले पर कहा कि गले मिलने सेकेजरीवाल लालू के नही हो जायेंगे. परिषद की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने भी सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि लालू प्रसाद ने उनका हाथ पकड़ और उनसे गल मिले और हाथ उठाये. केजरीवाल ने यह भी कहा है कि वे लालू प्रसाद के परिवारवाद के खिलाफ हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहेंगे.
उधर, सूत्रों की माने तो इस बैठक में पार्टी के विस्तार से लेकर देश के हालात तक पर चर्चा होनी है, ताकि भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों का सामना किया जा सके. इसके साथ हीबैठकमें पार्टी का नया राष्ट्रीय संयोजक दोबारा अरविंद केजरीवाल को चुनने का फैसला भी लिया जा सकता है. उधर, पार्टी से निकाले गये नेताओं ने बैठक का विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आम आदमी पार्टी एक आदमी की पार्टी हो गयी है.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय परिषद आम आदमी पार्टी की निर्णायक इकाई है. सूत्रोंकेमुताबिक राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के विस्तार, देश के हालात, बिहार चुनाव, असहिष्णुता और केंद्र व राज्य संबंध पर चर्चा की जाएगी. वहीं, पार्टी की नजर पंजाब विधानसभा चुनाव और दिल्ली में नगर निगमों के चुनाव पर है. इन चुनावों में जीत हासिल करने की रणनीति बनाई जाएगी.
इसके साथ ही पार्टी अन्य राज्यों में संगठन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है. वहीं, जानकारी के मुताबिक आप के संस्थापक सदस्य रहे शांति भूषण की पार्टी से छुट्टी होने की संभावना है. इस बैठक के दौरान सरकार के कामकाज पर भी चर्चा की जाएगी. गौरतलब है कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर अरविंद केजरीवाल का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो जाएगा. इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के रिक्त पदों को भरने का फैसला भी इस बैठक में किया जा सकता है.
आम आदमी पार्टी में करीब 300 राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हैं, जबकि फिलहाल 14 राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हैं. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को बाहर किए जाने के बाद पार्टी कई बार लड़खड़ाई है. पिछली बार हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पार्टी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संख्या 24 से घटकर 14 रह गयी है, ऐसे में इस बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिये जा सकते हैं.