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अहमदाबाद में पुलिस भी हुई भीड की हिंसा की शिकार

अहमदाबाद : पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल की मंगलवार को गिरफ्तारी और जीएमडीसी ग्राउंड पर आयोजित क्रांति रैली में उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज की परिणति ऐसे हिंसक प्रतिरोध में हुई जिसमें राज्य भर में करीब एक दर्जन लोग मारे गए. इस हिंसा की लपेट मे कई पुलिसकर्मी भी आए जिनमें से कई […]

अहमदाबाद : पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल की मंगलवार को गिरफ्तारी और जीएमडीसी ग्राउंड पर आयोजित क्रांति रैली में उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज की परिणति ऐसे हिंसक प्रतिरोध में हुई जिसमें राज्य भर में करीब एक दर्जन लोग मारे गए.

इस हिंसा की लपेट मे कई पुलिसकर्मी भी आए जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों में ऐसा ही एक अभागा पुलिसकर्मी है 53 वर्षीय सनत सिह राठौड, जो कि राज्य की रिजर्व पुलिस फोर्स का सिपाही है. वह सोला पुलिस चौकी में अपने टेंटमें सो रहा था. उसी दौरान आंदोलनकारी पाटीदार समुदाय के लोगों ने पुलिस चौकी पर हमला किया और सनत सिंह को लाठियों से बुरी तरह पीट डाला. भीड ने पुलिस चौकी में भी आग लगा दी.

सनत सिंह को सिर में काफी चोट आई है और उसके शरीर के कई हिस्सों में फ्रैक्चर भी. सनत सिंह छह सिपाहियों सहित उन 19 लोगों में है जिनका असरवा सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. मंगलवार की रात हुई हिंसा के शिकार 45 लोग सोला, एलजी और वीएस अस्पताल मे भर्ती हैं. शाहीबाग पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल जितेन्द्र गोस्वामी को भी सिर में कई चोटें आई हैं. गोस्वामी बताते हैं, ‘मैं अपनी टीम के साथ घेवर काम्प्लेक्स के पास भीड को तितर-बितर करने गए थे, तभी लडकों के एक झुण्ड ने मुझे हमारी वेन से बाहर खींच लिया और मुझ पर हमला कर दिया.
उन्होंने एक हेलमेट से मेरे सिर पर कई बार मारा.” बापूनगर के हीरावाडी इलाके में रखियाल पुलिस थाने पर भीड ने ऐसा पथराव किया कि सिपाही नगीनभाई सोलंकी की छाती और पेट बुरी तरह जख्मी हो गए. आन्दोलनकारियो की हिसक भीड ने नारायणपुरा पुलिस चौकी और स्टार बाजार मे पुलिस जीप फूँक डाली. इसके अलावा घाटलोदिया, मेघानीनगर, पिजरापोल, सरसपुर, निकाल और अमराईवाडी में पुलिस चौकियों पर भी हमले किए.
मेहसाणा की राधनपुर और कालोल की अम्बिका पुलिस चौकी भी इन हमलो से अछूती नहीं रही. मोरवी में तो हिंसक भीड ने जिलाधिकारी भवन को भी नहीं बख्शा. दो पुलिस चौकियों और नगरपालिका भवन को आग लगाकर भीड ने जिलाधिकारी भवन को निशाना बनाया और वहां भी काफी तोडफोड की.
आन्दोलनकारियों ने मोरवी को राज्य के अन्य हिस्सों से जोडने वाले राजमार्ग को जाम कर दिया और वे सरकारी दफ्तरों और पुलिस चौकियों को तहस नहस करने लगे. देखते ही देखते राज्य परिवहन की 32 बसें जला दी गईं और 12 अन्य बुरी तरह से तोड फोड दी गईं. मोरवी में 12 पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुए और पुलिस अधीक्षक सहित 2० पुलिसकर्मी घायल हुए. इसी बीच गुजरात हाई कोर्ट ने पुलिस द्बारा किए गए लाठीचार्ज की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.

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