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बिहार विधानसभा चुनाव : ‘आप’ पार्टी दे सकती है नीतीश कुमार को समर्थन

नयी दिल्ली : एक ओर जहां बिहार चुनाव के लिए तैयार हो रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ जदयू गठबंधन देखते हुए इस द्वंद्व में है कि नीतीश कुमार से मिला ‘समर्थन’ कैसे चुकाया जाए. ‘आप’ के द्वंद्व की प्रमुख वजह यह है […]

नयी दिल्ली : एक ओर जहां बिहार चुनाव के लिए तैयार हो रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ जदयू गठबंधन देखते हुए इस द्वंद्व में है कि नीतीश कुमार से मिला ‘समर्थन’ कैसे चुकाया जाए. ‘आप’ के द्वंद्व की प्रमुख वजह यह है कि इस गठबंधन को उसकी ओर से दिया जाने वाला मुक्त समर्थन उसकी भ्रष्टाचार-रोधी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है.

जदयू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आप को समर्थन दिया था. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में जब अरविंद केजरीवाल नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनावी दंगल में उतरे थे, तब भी जदयू ने उन्हें अपना समर्थन दिया था. केजरीवाल और कुमार के बीच आपस में अच्छे संबंध हैं. केजरीवाल नीतीश को इस महत्वपूर्ण चुनाव में मदद करने के लिए संकल्पबद्ध हैं. यह चुनाव पिछले साल मई में सत्ता में आई मोदी सरकार की लोकप्रियता की एक बडी परीक्षा है.
जदयू भी उत्सुक है कि आम आदमी पार्टी उसे विधानसभा चुनाव में अपना समर्थन दे.सूत्रों ने कहा कि आप बिहार चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही। वैसे, पार्टी का एक धडा कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारने के पक्ष में था. उन्होंने कहा कि पार्टी राजद के यादव और कांग्रेस की मौजूदगी के चलते कुमार के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को सीधा समर्थन नहीं दे सकती. लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के दोषी हैं और कांग्रेस के खिलाफ आप दिल्ली चुनाव लड चुकी है.

पार्टी के नेताओं का मानना है कि इस गठबंधन को समर्थन देने से पार्टी की भ्रष्टाचार-रोधी छवि खराब होगी. एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिए कि आप किसी भी पार्टी को समर्थन दिए बिना भाजपा के खिलाफ प्रचार कर सकती है ताकि धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को उससे फायदा मिले. जब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा गया कि क्या वह जदयू के लिए प्रचार करेंगे तो उन्होंने कोई भी सटीक जवाब न देते हुए कहा, ‘‘देखते हैं, क्या होता है.’’ आम आदमी पार्टी के बीच आकलन था कि केजरीवाल की सरकार और भाजपा शासित केंद्र के बीच संघर्ष ने आप की लोकप्रियता को देशभर में बढाया है. इनके आपसी संघर्ष से ऐसा संदेश गया है कि मोदी सरकार प्रभावी शासन देने के मार्ग में इसके समक्ष अवरोध पैदा कर रही है.

आप के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को बिहार चुनाव में भारी नुकसान उठाना पडेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट संदेश गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप सरकार को उसके वादे पूरे करने में बाधाएं पैदा कर रहे हैं. भाजपा को यह तय करना होगा कि वह कितने लंबे समय तक इसी रवैये को अपनाए रखेगी.’’

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