वाशिंगटन : अमेरिका और भारत की साझेदारी को पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए दोनों देशों के राजदूतों ने कहा है कि इन देशों का द्विपक्षीय सहयोग वैश्विक शांति और समृद्धि पर एक बडा प्रभाव डाल सकता है. अमेरिका में भारतीय राजदूत अरुण के सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष रिचर्ड राहुल वर्मा ने ‘द हफिंगटन पोस्ट’ में एक संयुक्त लेख में लिखा, ‘जटिल सुरक्षा एवं आर्थिक चुनौतियों से भरे इस विश्व में यह संबंध पहले से कहीं महत्वपूर्ण हो गया है.’
कल प्रकाशित इस संयुक्त लेख में उन्होंने लिखा, ‘यही वजह है कि हमारे नेताओं ने हमारे रक्षा सहयोग को बढाने, हमारे लोगों के लिए ज्यादा बडे आर्थिक अवसरों के सृजन के लिए और जलवायु परिवर्तन पर ज्यादा करीबी से काम करने के लिए तैयारी की है. हमारे राष्ट्रीय हित आज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक दूसरे के करीब आ रहे हैं.’
दोनों राजनयिकों ने कहा, ‘जब हम एकसाथ मिलकर काम करते हैं तो हम कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं और हमारा यह आपसी सहयोग आने वाले वर्षों में वैश्विक शांति एवं समृद्धि पर एक बडा प्रभाव डाल सकता है.’ दोनों राजनयिकों ने कहा कि अमेरिका और भारत के रिश्ते लगातार फल-फूल रहे हैं. 21वीं सदी के लिए इनकी साझेदारी का असल परीक्षण यह होगा कि ‘यह संबंध किस तरह न सिर्फ हमारे आम नागरिकों को बल्कि वैश्विक नागरिकों को भी लाभान्वित करता है.’
भारत और अमेरिका को ‘स्वाभाविक साझेदार’ बताते हुए सिंह और वर्मा ने कहा कि दोनों देश ‘सर्वश्रेष्ठ साझेदार बनने की दिशा में अग्रसर हैं.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिका की और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा की गई भारत की ऐतिहासिक यात्राओं ने ‘पिछली असहमतियों से आगे बढते हुए, कहीं अधिक महत्वाकांक्षी नयी साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त करने में और आपसी संबंधों को आगे ले जाने में’ मदद की है.
उन्होंने कहा कि मोदी और ओबामा की सोच नियमों के आधार पर चलने वाली एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय सीमा की है, जहां विभिन्न देशों के बीच के विवाद शांतिपूर्ण ढंग से निपटाए जाते हों, व्यापार सुगमता से होता हो और स्वच्छ ऊर्जा जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करता हो. उनकी यह सोच पहले से कहीं अधिक शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाउ सदी का वादा करती है. राजदूतों ने कहा कि जनवरी में हुई ओबामा की भारत यात्रा के बाद से दोनों देश अब नयी प्रकार की पहलों पर काम कर रहे हैं.
ये पहलें बाहरी अंतरिक्ष से लेकर महासागरों की गहराई तक से जुडी हैं. राजनयिकों ने कहा, ‘साइबर एवं आंतरिक सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण, आतंकवाद-निरोधी सहयोग और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर करीबी सहयोग सुनिश्चित करने के लिए हमने लगभग 30 विभिन्न वार्ताओं एवं कार्य समूहों को प्रोत्साहित किया है.’
सिंह और वर्मा ने लिखा कि चाहे नौसेनाओं द्वारा ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ प्रायद्वीप के पास समुद्री डकैती- विरोधी गश्त करना हो या हालिया मानवीय संकटों पर प्रतिक्रिया देना या फिर लगातार बढते सैन्य अभ्यासों में भागीदारी करना, ये दोनों ही देश एशिया-प्रशांत एवं हिंद महासागर क्षेत्र में अनिवार्य साझेदार बन चुके हैं. सिंह और वर्मा ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार में पिछले दशक में हुई पांच गुना की वृद्धि को भी रेखांकित किया. अब दोनों के बीच का व्यापार 100 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है.
उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच व्यवसायिक संबंध लगातार गहरा रहे हैं और ये दोनों देशों के लाखों लोगों के जीवन को समृद्ध बना रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे नेता द्विपक्षीय व्यापार को पांच गुना बढाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अमेरिकी अवसंरचना एवं तकनीकी कंपनियां प्रधानमंत्री मोदी की वर्ष 2020 तक 100 स्मार्ट सिटी बनाने की महत्वाकांक्षी योजना में अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार हैं.’
‘अमेरिका के विकास को गति देने के लिए और रोजगार सृजन के लिए भारतीय कंपनियों एवं निवेशकों की संख्या अमेरिका में बढ रही है.’ दोनों राजनयिकों ने लिखा, ‘मुक्त उद्यमशीलता और कानून के शासन से जुडे हमारे साझा मूल्य, दोनों ही देशों के टिकाउ एवं समावेशी आर्थिक विकास और अंतत: बेहद जरुरतमंद लोगों के उत्थान एवं सशक्तीकरण में मदद कर सकते हैं.