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मॉनसून सत्र आज से : संसद में होगा घमसान, पक्ष-विपक्ष अड़े

नयी दिल्ली : संसद में सत्ता पक्ष व विपक्ष का टकराव तय नजर आ रहा है. संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. इसके एक दिन पहले बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में ललित मोदी और व्यापमं घोटाले से जुड़े विवादों पर गतिरोध सोमवार को दूर नहीं हो पाया. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

नयी दिल्ली : संसद में सत्ता पक्ष व विपक्ष का टकराव तय नजर आ रहा है. संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. इसके एक दिन पहले बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में ललित मोदी और व्यापमं घोटाले से जुड़े विवादों पर गतिरोध सोमवार को दूर नहीं हो पाया. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुद्दों पर चर्चा की पेशकश की है, लेकिन सरकार ने किसी के भी इस्तीफे की संभावना से इनकार कर दिया. वहीं, स्पीकर सुमित्र महाजन ने भूमि विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति को अपनी रिपोर्ट देने के लिए अगस्त के पहले सप्ताह तक का वक्त दे दिया है.

संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि किसी का अल्टीमेटम स्वीकार करने का सवाल ही नहीं, इस्तीफे का सवाल कहां? सरकार की ओर से किसी केंद्रीय मंत्री ने कोई गैरकानूनी या अनैतिक कार्य नहीं किया. नायडू विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि प्रधानमंत्री मॉनसून सत्र सुचारु रूप से चलाना चाहते हैं, तो उन्हें सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान व वसुंधरा राजे को उनके पदों से हटाना चाहिए. पीएम ने राजनीतिक दलों से कहा कि सुचारु रूप से संसद चलाना साझा जिम्मेदारी है. हालांकि, पहल सरकार को करनी चाहिए. उन्होंने राजनीतिक दलों से सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए संसद के समय के सदुपयोग की अपील की. भूमि बिल पर पीएम ने समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव की टिप्पणी से सहमति जतायी कि इस मुद्दे पर कोई आम सहमति नहीं है. इसलिए सरकार व विपक्ष को सामंजस्य बिठाना चाहिए.

भूमि बिल पर आम राय बनायेगी सरकार : नायडू

राम गोपाल यादव के हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यही समय है कि भूमि विधेयक के मुद्दे पर हमें आगे बढ़ना चाहिए. इसमें सभी पक्षों के सुझाव शामिल हों और इस मुद्दे पर हम सकारात्मक रूप से आगे बढ़ें. उधर, भूमि विधेयक के कांग्रेस के विरोध को ‘विकास विरोधी और किसान विरोधी’ करार देते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि किसान इसे समझते हैं और सब देख रहे हैं.

अलग-थलग हुई कांग्रेस!

संसद ठप करने की बात पर सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अलग-थलग नजर आयी. वसुंधरा व शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के मुद्दे पर संसद नहीं चलने देने के उसके रुख से कई दलों ने असहमति जतायी. जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि यह ठीक नहीं, संसद चलेगी, लेकिन सरकार को चर्चा की अनुमति देनी चाहिए. सपा नेता राम गोपाल यादव ने भी ऐसी ही राय दी है. नायडू ने कहा कि 29 विपक्षी दलों ने कांग्रेस के रुख का समर्थन नहीं किया.

सर्वदलीय बैठक : राजनीतिक दलों ने दिये सुझाव

भारत-पाक संबंध, विदेश नीति, बढ़ती सामाजिक असमानता, किसानों की आत्महत्या, कृषि संकट, आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून से जुड़े मुद्दे, प्रमोशन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण, तंबाकू किसानों की समस्याएं, सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच गतिरोध, वर्ष 2016 ओलिंपिक की तैयारियां, सांसद निधि योजना, उच्च शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मुद्दे, जलवायु परिवर्तन, बाबा साहेब भीमराम आंबेडकर के 125वें जन्मदिवस से जुड़े समारोह आदि.

सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है और हमें इसके लिए पहल करनी होगी, लेकिन यह जिम्मेदारी सभी को उठानी होगी. यह समय आगे बढ़ने का है. हम सभी को मिल कर आगे बढ़ना होगा. देशहित सर्वोपरि है. पिछले सत्र में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है. मॉनसून सत्र छोटा है. इसलिए इस समय का सदुपयोग महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में किये जाने की जरूरत है और सरकार इसके लिए तैयार है. सरकार देश हित में हर काम करगी.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

स्पीकर ने कहा, सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार

लोकसभाध्यक्ष सुमित्र महाजन की सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सत्र को चलाने में सहमति जतायी. स्पीकर ने कहा कि मॉनसून सत्र में सरकार हर विषय पर चर्चा को तैयार है. वहीं, भूमि बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट के लिए कमेटी ने कुछ और समय मांगा है. उसे समय दे दिया गया है. समिति अगस्त में रिपोर्ट देगी.

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