रायगढ : छत्तीसगढ के रायगढ जिले की अदालत ने धान खरीदी में गडबडी करने के मामले में सहायक प्रबंधक को पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. रायगढ जिले के उप संचालक अभियोजन कृपाल सिंह गावस्कर ने आज यहां बताया कि जिले की अदालत ने सहकारी सेवा समिति लेघ्रा के सहायक प्रबंधक रत्नाकर कर्ष को 1.33 करोड रुपये की धान खरीदी में गडबडी करने के मामले में पांच वर्ष सश्रम कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
गावस्कर ने बताया कि सहकारिता विस्तार अधिकारी एसएन ठाकुर की विशेष अंकेक्षण प्रतिवेदन के अधार पर बरमकेला पुलिस ने कर्ष के खिलाफ गबन का मामला दर्ज कर चालान पेश किया था. अभियोग पत्र के अनुसार बरमकेला क्षेत्र की सेवा सहकारी समिति लेंघ्रा के उपार्जन केंद्र में वर्ष 2011-12 के अंकेक्षण के दौरान 12,333.16 क्विंटल धान और 44,396 नग बारदाना की कमी पाई गई.
इस कमी से शासन को 1,33,19,812.80 रुपये कर हानि हुई थी. रायगढ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुनील कुमार नंदे ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सहायक समिति प्रबंधक रत्नाकर कर्ष को दोषी पाते हुए पांच वर्ष सश्रम कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं पटाने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है.