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अवाम की नहीं, नीतीश को है आम, लीची, कटहल की परवाह : भाजपा

नयी दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बंगले में लगे आम के पेड़ों के फलों का कथित रुप से उनके द्वारा उपयोग करने से रोकने के लिए वहां 24 पुलिसकर्मी तैनात किए जाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले को गैर जिम्मेदाराना कदम बताते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि राज्य […]

नयी दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बंगले में लगे आम के पेड़ों के फलों का कथित रुप से उनके द्वारा उपयोग करने से रोकने के लिए वहां 24 पुलिसकर्मी तैनात किए जाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले को गैर जिम्मेदाराना कदम बताते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि राज्य की गिरती कानून व्यवस्था से परेशान अवाम की चिंता करने की बजाय वह आम की फिक्र कर रहे हैं.

नीतीश कुमार को सीधे निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, नीतीश कुमार किसी से लड़ने पर उसके प्रति अत्यधिक पूर्वाग्रही होकर राजनीति को बहुत निचले स्तर पर ले जाते हैं. महादलित जीतन राम मांझी को पहले मुख्यमंत्री बनाया फिर पद से हटाया और अब उन्हें उनके आवास पर लगे आम के पेड़ों की आम की चटनी तक खाने का अधिकार नहीं है. इस सिलसले में उन्होंने 2010 की उस घटना का भी उल्लेख किया जब पटना में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई थी और नीतीश कुमार ने भाजपा नेतृत्व को भोज पर आमंत्रित किया था लेकिन तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी एक फोटो को शहर के चौराहों पर लगाए जाने से नाराज होकर उन्होंने वह दावत रद्द कर दी थी.

मांझी के निवास 1 अणो मार्ग पर कथित रुप से आम के पेड़ों के फलों की रखवाली के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शाहनवाज ने कहा, नीतीश कुमार ने ये जो घटिया कदम उठाया है इससे उन्होंने अपना ही नहीं, बल्कि बिहार और बिहार के लोगों का भी मजाक बनाया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के वर्तमान शासन में बिहार में डकैती, हत्याओं और लूट जैसे अपराधों के सारे रिकार्ड टूट गए हैं और वहां अब जंगल राज-2 स्थापित हो चुका है. लेकिन नीतीश कुमार को अवाम की चिंता नहीं बल्कि आम, लीची और कटहल की ही चिंता है. मांझी ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार ने उनके सरकारी निवास पर 24 पुलिसकर्मी इसलिए तैनात किए हैं जिससे कि उन्हें और उनके परिवार को बंगले में लगे आम के पेड़ों के फल का इस्तेमाल करने से रोका जा सके.

उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे छोटा मामला बताते हुए कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है और आज अखबारों में यह खबर पढ़ने के बाद उन्होंने इस संबंध में डीजीपी से जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि अगर मुङो पहले इस मामले की जानकारी दी गई होती तो मैं 1 अणो मार्ग के सभी पेड़ों के आम और लीची तुड़वा कर उसके वर्तमान निवासी मांझी को दे देता. हालांकि शाहनवाज ने कहा कि नीतीश अब इसे छोटी बात बता रहे हैं लेकिन बिहार में पुलिस की कमी होने के बावजूद आम की रखवाली के लिए एक बंगले में 24 पुलिसकर्मी लगाना और दिल्ली में छह अन्य पुलिसकर्मियों को एक्सपोर्ट करना क्या छोटी बात है.

उन्होंने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की सबसे बड़ी वजह राजनीति है. जब तक जदयू-भाजपा शासन था कानून व्यवस्था कायम थी लेकिन भाजपा का साथ छोड़ कर राजद का दामन थामने के साथ ही सब बर्बाद हो गया. नीतीश की चुटकी लेते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, अब यूपीएससी जैसी परीक्षाओं के सामान्य ज्ञान पत्र में प्रश्न पूछे जाएंगे कि किस मुख्यमंत्री ने किस पूर्व मुख्यमंत्री को उसके बंगले से आम तोड़ने से रोका और जवाब दिया जाएगा, नीतीश कुमार ने.

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