नयी दिल्ली :अपने 56 दिनों के व्यक्तिगत अवकाश से वापस आने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नए कलेवर को देखकर ऐसा लगता है कि – बदले -बदले से युवराज नजर आते हैं… बात चाहे किसान रैली से लेकर लोकसभा में अपनी बात रखने तक की हो, लोगों ने हर जगह राहुल का बदला हुआ रूप देखा .
हालांकि, राहुल गांधी पर अक्सर अपरिपक्व ढ़ंग से राजनीति करने का आरोप लगाया जाता रहा है.लेकिन ऐसा लगता है कि इस बार छुट्टी से वापसी के बाद कांग्रेस के युवराज राहुल ने राजनीति के मैदान में पूरी तैयारी और नए बदलावों के साथ उतरने का मन बना लिया है. इसीलिए तो अब कांग्रेस के उपाध्यक्ष लोकसभा के सांसद के तौर पर राहुल ने ट्विटर पर अपना आधिकारिक एकाउंट @officeofRG शुरू किया है. अपने इस ट्विटर हैंडल के जरिये राहुल अब पार्टी कार्यकर्ताओ और समर्थको से सीधे जुड़ पायेंगे.
Rahul Gandhi raises the issue of Amethi Mega Food Park in Parliament.
Watch https://t.co/xnJ2igrm4h— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 7, 2015
अपने ट्विटर अकाउंट से उन्होंने संसद में आज अमेठी के फूड पार्क मुद्दे के भाषण का वीडियो लिंक भी शेयर किया है, साथ ही यह घोषणा भी की है कि 12 मई को तेलंगाना में अदिलाबाद जिले से 15 किमी का पदयात्रा करेंगे. जो 5 गांवो को कवर करेगी.
अपने एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि जनता को अपने कार्यक्रमों की जानकारी अब वे इसी ट्विटर अकाउंट के माध्यम से देंगे. उनके फॉलोआर्स की संख्या महज कुछ घंटो के अंदर 34000 के पार हो गयी. फिलहाल राहुल अपने ट्विटर अकाउंट से सिर्फ तीन अन्य अकाउंट इंडियन नेशनल कांग्रेस,इंडियन यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई को फॉलो करते है.
देश के एक प्रमुख राजनीति दल के उपाध्यक्ष और भारतीय राजनीति की अहम धुरी होते हुए भी लम्बे समय तक उन्होनें सोशल मीडिया के माध्यमों से दूरी बनाये रखी. इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया में अतिसक्रिय रहते हैं और 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बड़ी सफलता से इन्हीं सोशल माध्यमों को मुख्य हथियार बनाया था. प्रधानमंत्री मोदी की गिनती दुनिया के उन नेताओं में होती है जिनके फॉलोअर्स की संख्या सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर भारी तादाद में हैं. हाल ही में आये एक आंकड़े के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी ट्विटर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और ईसाई धर्म गुरु पोप फ्रांसिस के बाद तीसरे सबसे ज्यादा लोकप्रिय व्यक्ति हैं.
साल 2014 के चुनाव के बाद , देश में राजनीतिक दलों ने सोशल मीडिया को गंभीरता से लेना शुरु कर दिया है . आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली के विधानसभा चुनाव के दौरान इसका जमकर इस्तेमाल किया. कांग्रेस पार्टी के समर्थक अपने कमांडर ‘राहुल’ के सोशल मीडिया जैसे लोकप्रिय मंच पर मौजूद न रहने की वजह से कमजोर महसूस करते थे लेकिन अब ऐसा लगता है कि राहुल गांधी के ट्विटर में आने से उनके हौसलें बढ़ेंगे.
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थकों में पैदा हुई निराशा के माहौल को राहुल की इस सशक्त वापसी से न सिर्फ अपनी खोयी हुई धार को पैना करने का अवसर मिला है बल्कि जनता और मीडिया के बड़े तबके में अब राहुल गांधी की इस तैयारी और मुखरता भरे अंदाज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के पैमाने पर भी कसकर देखा जा रहा है. अब ये तो वक्त ही बताएगा कि राहुल का ये नया तेवर और अंदाज क्या रंग दिखायेगा लेकिन इतना तय है कि आगे बढ़कर कमान संभालने का राहुल का ये नया अंदाज संसद के अन्दर और बाहर, दोनों जगहों पर लोगों का ध्यान अपनी और खींचने में सफल होगा.