नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के विद्रोही नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी की राष्ट्रीय अनुशासन समिति (एनडीसी) से उन्हें कारण बताओ नोटिस मिलने पर आज पार्टी नेता पर पलटवार किया. उन्होंने समिति के सदस्य पंकज गुप्ता पर संदिग्ध कंपनियों से चंदा लेने एवं आशीष खेतान पर एक कंपनी का पक्ष लेते हुए ‘पेड न्यूज’ स्टोरी करने का आरोप लगाया.
कहा गुप्ता व खेतान ‘जज’ कैसे हो सकते हैं
नोटिस पर अपने जवाब में भूषण ने इस कदम पर सवाल उठाया और कहा कि गुप्ता एवं खेतान ने उन पर आरोप लगाए हैं एवं ऐसे परिदृश्य में वह दोनो इस मामले में ‘जज’ कैसे हो सकते हैं. एनडीसी ने 17 अप्रैल को भूषण को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि भूषण ने लोगों से पार्टी को चंदा नहीं देने को कहा.दिनेश वाघेला इस समिति के अध्यक्ष हैं जबकि गुप्ता और खेतान उसके सदस्य हैं.
मामला रामदास के पास भेजने के बजाय उसे ही बर्खास्त किया गया
भूषण ने गुप्ता पर एनडीसी के कई फैसलों को लागू नहीं करने का आरोप लगाया. दो करोड चंदा लेने के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले को पार्टी के लोकपाल एडमिरल एल रामदास को भेजे जाने के बजाय उन्हें ही पद से बर्खास्त कर दिया गया. भूषण ने अपने जवाब में लिखा है, ‘‘आप (गुप्ता) भी जानते हैं कि खुद आपके खिलाफ गंभीर आरोप हैं जिसे राष्ट्रीय लोकपाल एडमिरल रामदास के खिलाफ भेजा जाना चाहिए था. उसमें मुखौटा कंपनियों से दो करोड रुपए चंदा लेना शामिल है जबकि पार्टी की नियमावली के अनुसार पीएसी से अनुमोदन लेना होता है जो आपने नहीं लिया. इसके अलावा, आपने राष्ट्रीय अनुशासन समिति के निर्णयों में बाधा डाली और उन्हें नहीं लागू होने दिया. समिति की मैं अगुवाई कर रहा था जबकि आप उसके सदस्य थे.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘आपके खिलाफ लगे इन गंभीर आरोपों को, पार्टी संविधान के अनुसार, लोकपाल के पास भेजे जाने के बजाय आपने अब एडमिरल रामदास को ही हटा दिया. ’’
खेतान पर मनगढंत खबरें लिखने का आरोप
उन्होंने खेतान पर ‘मनगढंत’ खबरें लिखने का भी आरोप लगाया और कहा कि पूर्व पत्रकार को बर्खास्त करने के बजाय उन्हें अब दिल्ली डायलॉग कमीशन का अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय अनुशासन समिति का सदस्य नियुक्त कर पुरस्कृत किया गया.
आरोपों का खंडन करते हुए पार्टी ने कहा कि गृहमंत्रालय ने भी आप को मिले चंदे को पाक साफ बताया है. आप ने अपने नेताओं का जोरदार बचाव किया है. आप नेता आशुतोष ने कहा, ‘‘ऐसे आरोप लगाकर वे अपना मजाक बना रहे हैं. आशीष खेतान को अपनी पत्रकारिता पर मीडिया के सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है. ’’