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मोदी ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए जोरदार पैरवी की

नयी दिल्ली/पेरिस : भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पेरिस में भारतीयों का जोश हमारे देश में उमंग भर देगा. आज मैं वॉर मेमोरियल नहीं जाता तो मन में कसक रह जाती. फ्रांस के आखिरी सार्वजनिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि पूर्वजों पर हमें गर्व होता है. वॉर […]

नयी दिल्ली/पेरिस : भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पेरिस में भारतीयों का जोश हमारे देश में उमंग भर देगा. आज मैं वॉर मेमोरियल नहीं जाता तो मन में कसक रह जाती. फ्रांस के आखिरी सार्वजनिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि पूर्वजों पर हमें गर्व होता है.

वॉर मेमोरियल जाकर मेरे रोंगटे खड़े हो गये लेकिन मुझे वहां गर्व का अनुभव हुआ. उन्होंने कहा कि इतिहास वहीं बना सकता है जो इतिहास के बारे में जानता हो. प्रथम विश्‍व युद्ध में 75 हजार भारतीय सैनिकों ने शहादत दी थी.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रथम विश्व में 14 लाख भारतीय युद्ध के मोर्चे पर पहुंचे और द्वितीय विश्व युद्ध में भी भारतीयों की अपार भागीदारी रही.

दुनिया में सबसे ज्यादा शांति का संदेश भारतीय सैनिक देते हैं. विश्‍व में शांति का इतना संदेश बुद्ध और गांधी की धरती ही दे सकती है. उन्होंने कहा कि फ्रांस के ढाई लाख से ज्यादा लोगों को मैं प्रणाम करता हूं. भारत के शांति का संदेश देने वाले देश को अब दुनिया अलग नजरिये से देखने लगी है.

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मोदी ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए जोरदार पैरवी की


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी सदस्यस्ता की जोरदार पैरवी करते हुए आज कहा कि भारत को वैश्विक शांति में अपार योगदान के लिए उसका ‘हक’ मिलना चाहिए. उन्होंने यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि वो दिन बीत गए जब भारत को हाथ फैलाना पडता था. अब हम हमारा अधिकार चाहते हैं. किसी दूसरे के पास ऐसा नैतिक बल नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जब अपनी 70 वीं वर्षगांठ मनाए तो वह इस मुद्दे पर अपने रुख पर पुनर्विचार करे. उन्होंने भारत की स्थायी सदस्यता के दावे पर इस विश्व निकाय से विचार करने की अपील करते हुए कहा कि यह भारत जैसे शांति प्रिय देश को मान्यता देने का एक अवसर है. स्थायी सदस्यता के लिए भारत के पक्ष को मजबूती से रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक बलों में भारत की अधिकतम मौजूदगी रही है.

भारत के भीख मांगने के दिन गये

नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब भारत के भीख मांगने के दिन गये. यहां की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ रही है. अबतक हमने 20 कोयला खदानों की बोली लगवाई है जिससे जो करोडों रुपये मिले हैं उसका शेयर राज्यों को भी दिया गया है. 150 दिन में 14 करोड़ खाते खोले गये हैं वहीं 359 लाख लोगों ने गैस की सब्सिडी छोड़ दी है. नरेंद्र मोदी ने कहा आपके पासपोर्ट के रंग बदल गये होंगे लेकिन मेरा और आपका खून नहीं बदला. भारत आपकी चिंता करता है और आप भारत की चिंता करते हैं.

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नरेंद्र मोदीकाहिंदी प्रेम

मोदी ने अपना पूरा भाषण हिंदी में दिया. अपनी बात रखते हुए मोदी ने कहा कि विश्व को यह समझना चाहिए और भारत के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि भारत कभी भी किसी देश के खिलाफ आक्रमणकारी नहीं रहा और उसका दृढ विश्वास है कि दुनिया को युद्ध के साये से मुक्ति पानी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभार इतिहास को भुला दिया जाता है. जो लोग इतिहास भूल जाते हैं, वे इसे लिखने का अपना अधिकार खो देंगे. एक पर्यटक के तौर पर पहले के अपने फ्रांस के दौरे को याद करते हुए मोदी ने कहा कि अब मैं यहां से पर्यटकों को भारत ले जाने आया हूं. उपस्थित लोगों के ‘मोदी-मोदी’ के उद्गारों के बीच उन्होंने यहां करीब 2,000 लोगों को संबोधित किया. यहां मौजूद लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था. महिलायें भारतीय परंपरागत वेषभूषा में नजर आ रहीं थी.

श्‍याम कृष्‍ण पर विशेष चर्चा

नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों का फ्रांस से गहरा नाता रिश्‍ता रहा है. महात्मा गांधी सहित कई स्वतंत्रता सेनानी वहां पहुंचकर अपनी रणनीति बनाया करते थे. पहला तिरंगा फ्रांस में ही बना था और जर्मनी में इसे फहराया गया था. इसमें श्‍याम कृष्ण वर्मा वीर सावरकर सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की बड़ी भूमिका रही थी. श्‍याम कृष्‍ण पर विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 1930 में उनका स्वर्गवास हुआ था. उन्होंने कहा था कि मेरे मरने के बाद मेरी अस्थी को संभाल कर रखा जाये और जब हिंदुस्तान स्वतंत्र होगा तो उसे वहां जरूर ले जाया जाये. मोदी ने कहा कि 2003 में जब मैं गुजरात का मुख्‍यमंत्री था तो मुझे इसकी अनुभमति हुई और जिनेवा जाकर उनकी अस्थी को यहां लाया मुझे की खुशी थी उनकी अस्थी को 70 साल बाद भी सुरक्षित रखा गया था. कक्ष्‍मान में मैंने उनके सम्मान में समाधि स्थल व इंडिया हाउस बनाया है. आप जब भी भारत आये तो उनको नमन करने आयें.

नरेंद्र मोदी ने की पुरानी याद ताजा


मोदी ने पुरानी याद ताजा करते हुए कहा कि तीस साल पहले वेस्टइंडीज टीम के अधिकारी रिफी ने मुझसे मिलने की इच्छा जतायी. उस वक्त वेस्टइंडीज टीम के किसी भी खिलाड़ी या अधिकरी से मिलना बड़ी बात होती थी. मैं जब उनसे मिलने गया तो उन्होंने अपना नाम रिफी बताया और कहा कि मेरे पूर्वज करीब 150 से 200 साल पहले यहां आ गये थे. शायद मेरा नाम ऋषि रहा होगा जो बाद में रिफी हो गया. मेरी पत्नी का नाम सीता है. मोदी ने कहा कि वेस्टइंडिज में रहने वाले लोग भाषा भूल चुके थे लेकिन अपनी सभ्यता संस्कृति को नहीं भूले थे. उनकी पत्नी साड़ी पहने हुए मेरे स्वागत में खड़ी थी. उन्होंने कहा कि मॉरिशस के लोग अभी भी अपनी संस्कृति नहीं भूले हैं. जो लोग भारत से मॉरिशस गये वे अपने साथ रामायण और हनुमान चालिसा लेकर गये थे इसलिए आज भी वहां अंजाना नहीं लगता है.

मैं आसानी से उपलब्ध हूं

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा आपका नाता गहरा बने रहना चाहिए. पिछले साल चुनाव भारत में हुआ नतीजे के लिए आप ज्यादा इंतजार कर रहे थे. मिठाई आप बांट रहे थे पटाखे आप जला रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरे दस महीने कर अनुभव कहता है कि सारे सपने साकार होंगे. भारत गरीब नहीं रहेगा. विवेकानंद ने कहा था कि मेरी भारत माता अब विश्‍व गुरु के रुप में दिख रही है. वर्तमान में इंटरनेट सोशल मीडिया का जमाने में मैं आसानी से उपलब्ध हूं. हम आपके लिये हरसंभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा आप चाहे जहां के भी हों आप अपने बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो इसमें मेरा पूरा सहयोग होगा.

भारत और फ्रांस का विशेष लगाव

प्रधानमंत्री ने कहा भारत और फ्रांस का विशेष लगाव रहा है. फ्रांस में जब कुछ हादसा होता है तो भारत को सबसे अधिक दर्द होता है. यदि भारत में कुछ दुर्घटना होती है तो फ्रांस के लोगों को अधिक दर्द होता है. उन्होंने कहा कि फ्रांस में हमने रक्षा विकास मेक इन इंडिया के लिए कई बडे समझौते किये हैं यहां के राष्‍ट्रपति हर तीसरी बार मेक इन इंडिया कहते हैं वहीं यहां के अन्य लोग मेक इंन इंडिया कह चुके हैं. फ्रांस रक्षा के क्षेत्र में हमें बड़ा सहयोग कर सकता है. मुझे काफी खुशी हुई कि जब वहां एयरबस में बहुत सारे भारतीय काम कर रहे थे. उन्होंने मजाक के लहजे में उनसे कहा कि तुम भारत में बस बनाते थे और यहां बस में काम करते हो. आज भारत को आप जहां देख रहे हैं. उससे भी आगे ले जाना है.

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मोदी ने कोयला घोटाले को लेकर संप्रग पर निशाना साधा

कोयला घोटाले को लेकर पूर्व की संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जिन कोयला खदानों के आवंटन को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रश्न खडे हुए उनमें से 20 की नीलामी में ही सरकार को दो लाख करोड रुपये से अधिक की राशि मिली है. यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने पूर्व की मनमोहन सिंह सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि कोयला खदानों का आवंटन मनमाने ढंग से किया गया जिस कारण उच्चतम न्यायालय को आवंटन रद्द करने पडे. मोदी ने कहा कि अब तक ऐसी 204 में 20 कोयला खदानों की नीलामी की गई है और हमें उनसे दो लाख करोड रुपये से अधिक की राशि मिली है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की एक अप्रैल की समयसीमा को देखते हुए राजग सरकार ने बीते सितंबर महीने में तेज गति से काम किया और नीलामी प्रक्रिया का पहला हिस्सा पूरा करने में सफल रही.

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