25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

साध्वी का बयान और विपक्ष का हंगामा बना सुधारवादी कदमों में रोड़ा

नयी दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र में हर दिन हो रहा हंगामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के सुधारवादी कदम में रोडा बनता नजर आ रहा है. संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से शुरु हुआ है और यह 22 दिनों तक चलनी है. 23 दिसंबर को इसकी आखरी बैठक होगी. मोदी […]

नयी दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र में हर दिन हो रहा हंगामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के सुधारवादी कदम में रोडा बनता नजर आ रहा है. संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से शुरु हुआ है और यह 22 दिनों तक चलनी है. 23 दिसंबर को इसकी आखरी बैठक होगी. मोदी सरकार ने इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों के पारित करने की बात कही थी लेकिन कभी काला धन मामला, तो कभी अमित शाह मामला, तो कभी साध्वी मामले को लेकर सदन का कार्य बाधित है. ऐसे में सवाल है कि क्या इस सत्र को भी हो-हंगामे में बर्बाद कर दिया जाएगा या फिर बाकि जो दिन बचे हैं उसमें मोदी सरकार कुछ बिलों को पारित करवा पाएगी.
शीतकालीन सत्र के दूसरे सप्ताह में सरकार कई अहम विधेयक चर्चा के लिए पेश करने वाली है. इन विधेयकों में कपड़ा उपक्रम (राष्ट्रीयकरण) कानून (संशोधन एवं विधिमान्यीकरण) विधेयक और अतिरिक्त धनराशि की मांग के अलावा दोनों सदनों में संबंधित विनियोग विधेयक पेश करना शामिल है.
इसके अलावा राज्यसभा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधेयक पर चर्चा और संविधान अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक-2014 और केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2014 को पारित करवाना भी शामिल है. ये विधेयक लोकसभा द्वारा पारित हो चुके हैं. अध्यादेश की जगह लाए जा रहे कोयला खदान आवंटन विशेष प्रावधान विधेयक, अपहरण रोधी विधेयक, पुराने पड़ चुके कुछ कानूनों को हटाने के लिए लाए जाने वाले विधेयक और योजना एवं वास्तुकला विद्यालय विधेयक-2014 जैसे विधेयक भी सरकार की कार्य सूची में हैं. कोयला खनन और सरकारी कपड़ा कंपनियों से संबंधित दोनों अध्यादेशों को कानून की शक्ल देने के लिए संसद के मौजूदा सत्र में विधेयक लाया जाना है नहीं तो यह अध्यादेश समाप्त हो जाएगा.
संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर को शुरू होने के बाद से सदन में कई विधेयक पारित हुए, जिसमें श्रम कानून से संबंधित दो विधेयक भी शामिल हैं. लोकसभा द्वारा शीत सत्र के पहले सप्ताह में पारित किए गए विधेयकों में दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम (संशोधन) विधेयक-2014 भी शामिल है. इस दौरान दोनों सदनों में विदेश स्थित बैंकों से काला धन देश में वापस लाने पर चर्चा की गई, जबकि राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को समाप्त किए जाने का मुद्दा उठाया गया.
संसद में लंबित कई विधेयक तो ऐसे हैं जिन पर स्टैंडिंग कमेटी को विचार करना है. इनमें शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों और बच्चों के अधिकारों से जुड़ा विधेयक भी है. यह देखना बाक़ी है कि इन विधेयकों को शीतकालीन सत्र के दौरान पारित करने के लिए स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट वक्त पर आ जाती है या नहीं.
अब देखना है कि 23 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के बाकी दिन हंगामों की भेंट ही चढते हैं या फिर इसमें मोदी सरकार विपक्ष के हंगामों से उबरते हुए देश के लिए कुछ अहम नीति बना पाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें