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मोदी को अमेरिका यात्रा से दोनों देशों के बीच की दूरियां खत्म होने की उम्मीद

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिका यात्रा से लिए रवाना होने से पहले कहा है कि अमेरिका भारत का महत्वपूर्ण भागीदार है. उन्होंने विश्वास जताया है कि उनकी इस यात्रा से दोनों देटशों के बीच की बहुत सी दूरियां खत्म होंगी और रणनीतिक रिश्तों में एक नया अध्याय शुर होगा. पांच दिन की […]

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिका यात्रा से लिए रवाना होने से पहले कहा है कि अमेरिका भारत का महत्वपूर्ण भागीदार है. उन्होंने विश्वास जताया है कि उनकी इस यात्रा से दोनों देटशों के बीच की बहुत सी दूरियां खत्म होंगी और रणनीतिक रिश्तों में एक नया अध्याय शुर होगा.

पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर रवाना होने से पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस बात पर विचार विमर्श करेंगे कि आपसी और वैश्विक हित में दोनों देश कैसे अपने संबंधों को नई उंचाई पर पहुंचाया सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि ओबामा की जीवन यात्रा एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में आम लोगों के लिए उपलब्ध अधिकारों व अवसरों का एक उल्लेखनीय उदाहरण है और यह दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिका को मैं भारत के राष्ट्रीय विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण भागीदार के रुप में देखता हूं. दोनों देशों के बीच शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी व नवोन्मेष में भागीदारी की बडी संभावनाएं हैं तथा मानव मूल्यों के प्रति दोनों की साझी प्रतिबद्धता है.
प्रधानमंत्री शनिवार को न्यूयार्क में संयुक्तराष्ट्र के 69वें महाधिवेशन को संबोधित करेंगे. इस संबंध में मोदी ने कहा कि वह वहां वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी, दुनिया के कई हिस्सों में तनाव एवं संकट, वृद्धि तथा आतंकवाद के विस्तार, अफ्रीका में इबोला महामारी, जलवायु परिवर्तन तथा गरीबी उन्मूलन की चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता तथा अधिक समन्वय के साथ बहुपक्षीय कार्रवाई पर जोर देंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 2015 के बाद के लिए एक ऐसे वैश्विक विकास एजेंडे को जल्द स्वीकार्य करने की अपील करेंगे, जो वृद्धि, विकास और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित हो.
उन्होंने कहा कि मैं संयुक्तराष्ट्र प्रणाली में शीघ्र सुधार किये जाने की जरुरत पर भी जोर दूंगा. ताकि यह सुनिश्चित हो सके, ताकि यह व्यवस्था 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में तार्किक व प्रभावी बनी रहे.
उन्होंने कहा कि भारत शांति और सुरक्षा तथा समावेशी वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही कहा कि संयुक्तराष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों में पिछले एक दशक में भारत द्वारा किया गया योगदान इस बहुपक्षीय वैश्विक निकाय को अपने लक्ष्य पाने में मदद कर रहा है.
मोदी अमेरिका जाते समय रास्ते में रात को फ्रैंकफुर्त में रकेंगे और कल न्यूयार्क पहुंचेंगे.
अमेरिका के साथ अपने संबंधों के बारे में प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी यात्रा से आपसी सहयोग और बढेगा. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मिलते जुलते मूल्य, आपसी हित और एक दूसरे की मजबूती में पूरक दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बडे लोकतंत्रों के बीच स्वाभाविक भागीदारी की नींव रखते हैं.
मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति ओबामा के साथ इस बारे में चर्चा करूंगा कि जो मजबूती और क्षमतायें हमारे बीच हैं और जिस मुकाम पर हम पहुंच चुके हैं उसके जरिये हम अपने रिश्तों को कैसे दोनों देशों के हित और दुनिया के फायदे के लिये नई उंचाई पर पहुंचा सकते हैं.
मुझे पूरा विश्वास है कि इस यात्र से हमारी रणनीतिक भागीदारी का नया अध्याय शुरु होगा. मोदी 29 सितंबर को प्रात:काल जलपान के समय उद्योग जगत की 11 प्रमुख हस्तियों से मिलेंगे. इसके अलावा उसी दिन न्यूयार्क में उनकी छह और उद्योगपतियों से एक-एक करके अलग अलग बैठकें होंगी. प्रधानमंत्री 30 सितंबर को वाशिंगटन में अमेरिका-भारत व्यावसायिक परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित व्यावसायियों की बैठक में भी भाग लेंगे. इस बैठक में 300 से 400 उद्योगपतियों के भाग लेने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं व्यावसायिक नेताओं से मुलाकात कर उन्हें भारत की आर्थिक वृद्धि और उसमें बदलाव के क्षेत्र में और ज्यादा सक्रियता से भागीदारी के लिये आमंत्रित करंगा. यह संदेश होगा जो मैं अमेरिकी व्यावसायिक समुदाय को वाशिंगटन डी.सी. में दूंगा.
उन्होंने कहा कि न्यूयार्क के सैंट्रल पार्क में गरीबी पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मेरी भागीदारी दुनिया का ध्यान इस बडी चुनौती की और खींचने पर केन्द्रित होगी, जो आज पूरी दुनिया के समक्ष खड़ी है. मैं अपनी तरफ से इस वैश्विक चुनौती से निपटने में पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करंगा.
न्यूयार्क में मेडिसन स्क्वायर गार्डन में अपने संबोधन कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिकी समुदाय के लोगों से मिलने की बेचैनी से प्रतीक्षा कर रहे हैं. यह कार्यक्रम 28 सितंबर को होगा.
मोदी ने अमेरिका में रह रहे भारतीयों के बारे में कहा कि उनकी विभिन्न क्षेत्रों में हासिल सफलता, उनका अमेरिका में योगदान, उनका भारत के साथ जुडाव और दुनिया के दो बडे लोकतांत्रिक देशों के बीच सेतु के तौर पर उनकी भूमिका हमारे लिये गर्व का स्रोत है. वह हमारी विरासत, प्रगति और संभावनाओं की खिडकी के तौर पर काम करते हैं
अमेरिका प्रवास में मोदी अमेरिका के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे. इनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन तथा दक्षिण कैरोलिना के भारतीय अमेरिकी गवर्नर निक्की हेली शामिल हैं.
वाशिंगटन में मोदी की राष्ट्रपति ओबामा के साथ बैठक को लेकर काफीउम्मीदें हैं. ओबामा ने लीक से हटकर 29 सितंबर को व्हाइट हाउस में मोदी के लिए निजी रात्रि भोज दिया है. इससे दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंध स्थापित होने की उम्मीद है.
व्हाइट हाउस में 30 सितंबर को मोदी और आबामों के बीच औपचारिक बैठक होगी. मोदी का उसी दिन वाशिंगटन में मार्टिन लूथर किंग स्मारक तथा लिंकन स्मारक जाने का उकार्यक्रम है तथा वह भारतीय दूतावास के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने जाएंगे.
यह पहला मौका है जबकि किसी भारतीय प्रधानमंत्री के अमेरिका यात्र के दौरान इतने अधिक सार्वजनिक व निजी कार्यक्रम होंगे. न्यूयार्क शहर के मेयर बिल डे ब्लासियो प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के पर शिष्टाचार के तहत उनसे भेंट करेंगे.
मोदी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित चिकित्सा विज्ञानी हैरॉल्ड इलियट वारमुस से भी मुलाकात करेंगे वह इस समय अमेरिका के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक हैं.
मोदी शनिवार को न्यूयार्क में 9-11 स्मारक भी जाएंगे. इसके बाद वह संयुक्त राष्ट्र आमसभा के 69वें सालाना सत्र को संबोधित करने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जाएंगे। वह संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से भी मुलाकात करेंगे.
शनिवार को मोदी न्यूयार्क के पूर्व गवर्नर माइकल ब्लूमबर्ग से भी मुलाकात करेंगे समझा जाता है कि मोदी देश में 100 स्मार्ट शहरों की परियोजनाओं के लिए ब्लूमबर्ग के विचार लेने के इच्छुक हैं.
उसी दिन प्रधानमंत्री ऐतिहासिक सेंट्रल पार्क भी जाएंगे जहां वह सालाना वैश्विक नागरिक पहल को संबोधित करेंगे. इस पहल का मकसद सभी के लिए टिकाऊ विश्व समुदाय बनाना है.

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