हैदराबाद : केंद्र सरकार के संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ तेलंगाना विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया है. प्रदेश की टीआरएस सरकार की ओर से इस प्रकार का कदम उठाये जाने के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि, भाजपा ने ने इसे अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का हथकंडा करार दिया. ओवैसी ने दावा किया कि प्रस्तावित जनसंख्या रजिस्टर का समाज कल्याण योजनाओं से कुछ लेना-देना नहीं है और यह पूरी तरह से भविष्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को शुरू करने की कवायद से जुड़ा है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं तेलंगाना सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा किये गये फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ठीक केरल की तरह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की कवायद को रोक देंगे.
गौरतलब है कि तेलंगाना सरकार ने रविवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का फैसला किया था. इसके साथ ही, उसने केंद्र सरकार से यह अनुरोध भी किया कि वह नागरिकता कानून में पिछले साल किये गये बदलावों को रद्द कर दे.
वहीं, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता के कृष्णा सागर राव ने मंत्रिमंडल के फैसले को अवैध और असंवैधानिक करार दिया. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का सीएए को रद्द करने के लिए प्रस्ताव पारित करने का फैसला अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का हथकंडा है और यह राजनीतिक फायदे के लिए मुख्यमंत्री के वामपंथी और कांग्रेस की विचारधारा को आंख मूंदकर अपनाने का खुलासा करता है. उनके मुताबिक, राज्य मंत्रिमंडल एक संवैधानिक निकाय है और वह संसद द्वारा पारित राष्ट्रीय कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं कर सकता.