10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिंदगी की जंग हार गयी उन्नाव बलात्कार पीड़िता, देर रात तोड़ा दम, हैवानों ने जला दिया था जिंदा फिर…

नयी दिल्ली : आग के हवाले की गयी उन्नाव बलात्कार पीड़िता की देर रात यहां सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी. यह जानकारी अस्पताल की ओर से दी गयी है. अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. […]

नयी दिल्ली : आग के हवाले की गयी उन्नाव बलात्कार पीड़िता की देर रात यहां सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी. यह जानकारी अस्पताल की ओर से दी गयी है. अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. शाम में उसकी हालत खराब होने लगी. रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा. हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गयी.

गौरतलब है कि गुरुवार को जिंदा जलाए जाने के बाद उसे गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने उसे हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था. उसे लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था.

इससे पहले दिन में डॉ. कुमार ने कहा था कि मरीज की हालत बहुत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है. उन्होंने बताया था कि पीड़िता के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा था कि हमने मरीज के लिए अलग आईसीयू कक्ष बनाया है. चिकित्सकों का एक दल उसकी हालत पर लगातार नजर रख रहा है.

पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी. जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे बलात्कार किया था. हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गयी थी. पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्‍था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी. प्रत्‍यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्‍पताल रेफर किया गया. बाद में जिला अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया.

जलने के बाद एक किमी तक भागी पीडिता
पीड़िता जलने के बाद एक किमी तक मदद के लिए भागी थी. उसने खुद ही पुलिस को कॉल भी किया था. यह घटना उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के सिंदुपुर गांव की है. पीड़िता ने बताया कि वह गैंगरेप मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली जा रही थी. तड़के करीब चार बजे वह ट्रेन पकड़ने के लिए बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन के लिए घर से निकली थी. जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी, तभी वहां पहले से मौजूद हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और रेप के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उसे घेर लिया. लाठी और चाकू से हमला कर दिया. हरिशंकर शुभम का पिता है. इससे वह जमीन पर गिर गयी. इसके बाद आरोपियों ने पेट्रोल डाल कर आग लगा दी. पुलिस के अनुसार, आरोपियों से बचने के लिए पीड़िता अधजली अवस्था में करीब एक किमी तक दौड़ कर भागती रही.

पीड़िता के पिता बोले- जिसे बेटा समझ कर घर आने दिया, उसी ने किया रेप
पीड़िता के पिता ने बताया कि जिसे बेटा समझ कर घर में आने दिया, उसी ने मेरे बेटी के साथ दुष्कर्म किया. शिवम ने मेरी बेटी को पहले फंसाया, फिर एक दिन रायबरेली ले गया. वहां उसने दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया. फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर वह बेटी को ब्लैकमेल करने लगा. शिवम मेरे गांव का ही बच्चा है, भरोसे में हमने उसे अपने घर आने दिया था. शिवम एक दिन बेटी को लेकर भाग गया और दो महीने तक रायबरेली में रहा. इसके बाद बेटी को घर छोड़ गया. जब हम लोगों को सारी बात पता चली, तो हमने शादी के लिए कहा, तो वह हमें ही धमकाने लगा. इसके बाद 12 दिसंबर, 2018 को आरोपी शिवम अपने साथी शुभम के साथ आया. दोनों मंदिर में शादी कराने के बहाने उसे ले गये और गैंगरेप किया. बहुत दौड़-भाग के बाद 5 मार्च, 2018 को एफआइआर दर्ज हो पायी थी.

चश्मदीद बोला- उसे एक बार देख कर लगा कोई शैतानी साया है
घटना के चश्मदीद रहे रवींद्र ने बताया कि बुरी तरह आग में लिपटी होने के बावजूद पीड़िता ने हिम्मत दिखायी और आसपास के लोगों से मदद मांगी. वह मदद की गुहार लगाती हुई दौड़ती आ रही थी. इस तरह उसने लगभग एक किमी का सफर तय कर लिया था. उसकी गंभीर हालत को देख कर किसी ने भी उसकी मदद के लिए आगे आने की हिम्मत नहीं की. उन्हें खुद यह लगा कि यह कोई इंसान नहीं, बल्कि कोई शैतानी साया है. युवती जब उनके करीब पहुंची, तो वह भी घबरा गये, लेकिन जल्द ही माजरा समझ में आ गया. इस पर उन्होंने पुलिस की 112 नंबर सेवा पर फोन किया. युवती ने खुद पुलिस को आपबीती बतायी. उसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस उसे अपने साथ ले गयी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें