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संविधान निर्माता बी. आर. आम्बेडकर की पुण्यतिथि आज, PM मोदी और राष्ट्रपति सहित दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
नयी दिल्लीः संविधान निर्माता बी. आर. आम्बेडकर की आज 63वीं पुण्यतिथि है. इस मौक पर प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सहित देश के तमाम राजनीतिक हस्तियों और दिग्गजों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माताओं में से एक आम्बेडकर का जन्म दिल्ली में 1956 में हुआ था. मोदी ने आम्बेडकर की याद में […]
नयी दिल्लीः संविधान निर्माता बी. आर. आम्बेडकर की आज 63वीं पुण्यतिथि है. इस मौक पर प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सहित देश के तमाम राजनीतिक हस्तियों और दिग्गजों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माताओं में से एक आम्बेडकर का जन्म दिल्ली में 1956 में हुआ था.
मोदी ने आम्बेडकर की याद में एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले पूज्य बाबासाहेब को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर कोटि-कोटि नमन. पीएम मोदी ने लिखा, उन्होंने संविधान के रूप में देश को अद्वितीय सौगात दी, जो हमारे लोकतंत्र का आधारस्तंभ है. कृतज्ञ राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा.
पीएम मोदी ने वीडियो में कहा, पूजनीय बाबा साहेब आम्बेडकर ने हमें इतना व्यापक और विस्तृत संविधान दिया, वह आज भी ‘टाइम मैंनेजमेंट’ और ‘प्रोडेक्टिवटी’ का एक उदाहरण है. वह हमें भी अपने दायित्तवों को रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए प्रेरित करता है. उन्होंने कहा, लोकतंत्र बाबा साहेब के स्वभाव में रचा-बसा था और वह कहते थे कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्य कहीं बाहर से नहीं आए, गणतंत्र क्या होता है और संसदीय व्यवस्था क्या होती है यह भारत के लिए कोई नई बात नहीं है.
संविधान सभा में उन्होंने एक भावुक अपील की थी कि इतने संघर्ष के बाद मिली स्वतंत्रता की रक्षा हमें अपने खून की आखिरी बूंद तक करनी है. वह यह भी कहते थे कि हम भारतीय भले ही अलग-अलग पृष्ठभूमि से हो लेकिन हमें सभी चीजों से ऊपर देशहित को रखना होगा. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इंडिया फर्स्ट’ आम्बेडकर का मूल मंत्र था. मैं सभी देशवासियों की ओर से बाबा साहेब को नमन करता हूं जिन्होंने करोड़ों भारतीयों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया.
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संविधान के आदर्शों के प्रति निष्ठा रखना ही बाबासाहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. नायडू ने ट्वीट किया, हमारे संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें सादर नमन करता हूं. हमारा संविधान डॉ आम्बेडकर की बौद्धिक और दार्शनिक विरासत है.
हमारा कर्तव्य है कि हम संवैधानिक आदर्शों के प्रति निष्ठावान रहें. नायडू ने कहा, उनका विश्वास था कि लोकतांत्रिक प्रशासन एक ऐसी व्यवस्था प्रदान करता है जिससे बिना किसी हिंसा और रक्तपात के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था के आदर्शों एवं उद्देश्यों को पूरा करना वर्तमान और भावी पीढ़ी का कर्तव्य है. उल्लेखनीय है की बाबासाहेब आम्बेडकर का निधन छह दिसंबर 1956 को हुआ था. उनकी पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप मे मनायी जाती है.
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