नयी दिल्ली : कांग्रेस ने 20-25 हवाई अड्डों का निजीकरण करने के कदम को लेकर रविवार को केंद्र सरकार पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि यह मोदी सरकार के उन अन्य फैसले की तरह ही है, जिनसे निजी कंपनियों को तो फायदा होता है, लेकिन आम आदमी को नुकसान पहुंचता है.
भारतीय विमानपत्तनम प्राधिकरण के अध्यक्ष गुरुप्रसाद महापात्रा ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार अगले चरण में और 20-25 हवाई अड्डों का निजीकरण करेगी. इससे पहले छह हवाई अड्डों का निजीकरण किया जा चुका है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि विमानन मंत्रालय ने नीति आयोग और आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) की उन सिफारिशों की अनदेखी की है, जो किसी निजी ग्रुप को दो से अधिक हवाई अड्डों का अनुबंध देने का समर्थन नहीं करती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 123 भारतीय हवाई अड्डों में केवल 14 ही मुनाफे में चल रहे हैं और मुनाफे में चल रहे पांच हवाईअड्डों को एक निजी कंपनी को सौंप दिया गया.
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के नेता ‘सबका साथ सबका विकास’ के वादे के साथ सत्ता में आये थे, लेकिन उन्होंने उन पर विश्वास करने वालों को धोखा दिया. उन्होंने दावा किया, हमने समय-समय पर आपके समक्ष तथ्य पेश किये हैं, जिनसे यह खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार द्वारा लिये गये हर फैसले से बड़े कॉरपोरेट को फायदा और मुनाफा हुआ है, लेकिन ये फैसले आम आदमी के खिलाफ गये हैं. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों को इस ग्रुप को नहीं देने का फैसला किया था, जबकि उसने सबसे अधिक बोली लगायी थी.
खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने यात्री सेवा शुल्क की जगह विमानन सुरक्षा शुल्क लाया और इससे यात्रियों पर डेढ़ गुना अधिक भार पड़ेगा. उन्होंने कहा, यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि इन फैसलों से किन्हें फायदा हो रहा और किन लोगों को नुकसान पहुंच रहा है. यात्रियों के हितों के लिए जो भी चीजें लायी गयी थी उन सभी को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने भारतीय हवाई अड्डा नियामक प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम में बदलाव किया, जिसका मतलब है कि एक निजी ग्रुप को सौंपे गये सभी पांच हवाई अड्डों पर अगले 50 बरसों तक सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा से कश्मीर को प्रयोगों के लिए अपनी प्रयोगशाला नहीं बनाने को कहा और केंद्र सरकार से राज्य में कोई भी कदम उठाने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श करने की अपील की.