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कॉरपोरेट स्टाइल में काम करेंगे राज्य, मिलेगा टारगेट और रैंक, केंद्र का रोडमैप तैयार

राज्यों के बीच अब होगी प्रतिस्पर्धा केंद्र सरकार अब राज्यों से कॉरपोरेट स्टाइल में काम करने को कहेगी. इसके तहत अब राज्यों में योजना बनाने से ज्यादा योजना को लागू और पूरा करने पर जोर दिया जायेगा. राज्यों के लिए टारगेट सेट किया जायेगा और दिये गये समयसीमा के भीतर उन्हें निर्धारित योजना को पूरा […]

राज्यों के बीच अब होगी प्रतिस्पर्धा

केंद्र सरकार अब राज्यों से कॉरपोरेट स्टाइल में काम करने को कहेगी. इसके तहत अब राज्यों में योजना बनाने से ज्यादा योजना को लागू और पूरा करने पर जोर दिया जायेगा. राज्यों के लिए टारगेट सेट किया जायेगा और दिये गये समयसीमा के भीतर उन्हें निर्धारित योजना को पूरा कर केंद्र को उसका रिजल्ट भी बताना होगा.

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने इसके लिए रोडमैप भी तैयार कर लिया है. कुछ मंत्रालय राज्यों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के तहत पारंपरिक निर्धारित हक या अनुदान (वित्तीय सहायता) को कम करने की योजना पर काम कर रहे हैं.

राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता अब नया मानदंड, प्रदर्शन और परिणाम से जुड़ा होगा. यह ठीक वैसा ही होगा जो किसी कॉरपोरेट ऑफिसों में होता है. अधिक अनुदान प्राप्त करने के लिए राज्यों को केंद्र द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा. सबसे पहले इसकी पहल आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने की है. मंत्रालय उन राज्यों को अधिक फंड जारी करेगा जो कम योजनाओं पर बेहतर काम करेंगे. अधिक फंड के लिए ज्यादा कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जायेगी. मंत्रालय का जोर इस बात पर है कि राज्य कम ही योजना चलायें, पर उनका कार्यान्वयन बेहतर और सही तरीके से समय पर पूरा हो.

नया मानदंड, प्रदर्शन व परिणाम से जुड़ा होगा मिलने वाला अनुदान

इस तरह होगा मूल्यांकन

परिणाम का मूल्यांकन फिक्स टारगेट को पूरा करने के बाद होगा

बेहतर परिणाम देने वाले राज्यों के बीच होगी प्रतियोगिता

किसी भी प्रोजेक्ट/कार्यक्रम चलाने के लिए अच्छा रिजल्ट देने वालों को अधिक ग्रांट योजना बनाने से ज्यादा योजना को लागू करने और पूरा करने पर जोर

राज्यों को दी जायेगी पूरी स्वतंत्रता, देना होगा रिजल्ट

रोडमैप के मुताबिक, राज्यों को काम करने की पूरी स्वतंत्रता दी जायेगी. बस शर्त यह होगी कि उन्हें बेहतर रिजल्ट देना होगा. एक बार केंद्र से प्लान की स्वीकृति मिलने के बाद केंद्र इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा. राज्यों को राज्य आधारित योजनाओं और केंद्र की योजनाओं को बराबर महत्व देना होगा. ‘नल से जल’ प्रोग्राम में राज्यों का प्रदर्शन देखने के बाद ही फंड रिलिज किया जायेगा. बेहतर रिजल्ट देने वालों को इंसेंटिव भी दिया जायेगा.

परिवहन मंत्रालय राज्यों को देगा 7000 करोड़

सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने 10 राज्यों में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 7000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना को मंजूरी दी है.इन राज्यों को परियोजना पूरा करने के बाद इस बात का ध्यान रखना होगा कि राज्यों में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आये. मंजूर की जाने वाली परियोजना राज्य की जनसंख्या, रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या, सड़क की लंबाई, दुर्घटनाओं की वार्षिक संख्या पर निर्भर होगी. इसके अलावा हर राज्य का एक स्कोर कार्ड भी बनेगा जो केंद्रीय अनुदान का आधार होगा.

केंद्र की चलायी चार योजनाओं में है राज्यों के बीच प्रतियोगिता

विभिन्न राज्यों में चलायी जा रही केंद्र की फ्लैगशिप योजना स्वच्छ भारत मिशन, पीएम आवास योजना, अम्रुत, स्मार्ट सिटी और अरबन लाइवलीहुड मिशन में राज्यों के बीच कॉम्पीटिशन है.

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