नयी दिल्ली : कर्नाटक में कई विधायकों के इस्तीफे के कारण कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल के बीच कांग्रेस ने शनिवार को भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर ‘संविधान का चीरहरण’ करने का आरोप लगाया. उसने कहा कि केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी के षड्यंत्र के बावजूद राज्य की सरकार नहीं गिरेगी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कर्नाटक के ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर यहां बैठक की और विचार-विमर्श किया.
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कांग्रेस का वॉररूम कहे जाने वाले 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर हुई इस बैठक में अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल हुए. इस घटनाक्रम के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल पहले से ही बेंगलुरु में मौजूद हैं. उधर, खड़गे ने कहा कि भाजपा के लोग कर्नाटक में सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार नहीं गिरेगी.
बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार शुरू से ही भाजपा को हजम नहीं हो रही है. वह विधायकों की मंडी लगाकर सरकार गिराने का षडयंत्र कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार बनी हुई है. सुरजेवाला ने दावा किया कि इन दिनों खरीद-फरोख्त का नया प्रतीक है, जिसका नाम ”मिस्चीवियसली ओरकस्ट्रेटेड डिफेक्शन इन इंडिया’ (एमओडीआई) है. विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है. संविधान और प्रजातंत्र का चीरहरण किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में भाजपा ने कुल 12 राज्यों में सरकार गिराने का प्रयास किया. इसकी शुरुआत अरुणाचल से हुई. पश्चिम बंगाल के बारे में तो प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं. सुरजेवाला ने सवाल किया कि जब देश के प्रधानमंत्री ‘आया राम-गया राम’ और विधायकों के दल-बदल का प्रतिबिंब बन जायेंगे, तो लोकतंत्र की रक्षा कौन करेगा?’ उन्होंने कहा कि हम भाजपा और मोदी जी को संविधान की रक्षा की शपथ याद दिलाना चाहते हैं और यह कहना चाहते हैं कि जब चुनाव में हार गये, तो फिर पांच साल इंतजार करिये.
एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार को बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब सत्तारूढ़ गठबंधन के 11 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंप दिया. राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन का संख्या बल विधानसभा अध्यक्ष के अलावा 118 (कांग्रेस-78, जेडीएस-37, बसपा-1 और निर्दलीय-2) शामिल हैं. इसमें वे विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. चूंकि, उनके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अभी तक स्वीकार नहीं किये गये हैं.