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पित्रोदा की टिप्पणी से कांग्रेस की मानसिकता का पता चलता है : अमित शाह

नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के विवादित बयान को लेकर विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पित्रोदा का बयान कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है. केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष शाह ने जोर देकर यह भी […]

नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के विवादित बयान को लेकर विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पित्रोदा का बयान कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है. केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष शाह ने जोर देकर यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में सिख दंगों के दोषियों को सजा मिली है और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा दिया गया है. शाह ने कहा, ‘‘हजारों सिखों को बेरहमी से मार डाला गया . तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसे सही ठहराया था.

किसी को सजा नहीं मिली थी. (कांग्रेस ने) मनमोहन सिंह से माफी मंगवाई. सैम पित्रोदा ने जो कुछ कहा है, वह कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है.” गुरूवार को पित्रोदा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में पूछे गए सवाल को खारिज करते हुए कहा था, ‘‘हुआ तो हुआ.” पित्रोदा के इस बयान पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पित्रोदा के बयान को नामंजूर करने के बाद शुक्रवार को पित्रोदा ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी.
शाह ने पित्रोदा की माफी से पहले पीटीआई-भाषा से बात की थी. भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि केंद्र में बनी कांग्रेस की कई सरकारों ने सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों को सजा दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और उन्हें मोदी सरकार ने सजा दिलाई. सिख विरोधी दंगे का मुद्दा दिल्ली और पंजाब सहित कई अन्य राज्यों में एक भावनात्मक मुद्दा है. इस घटना में हजारों सिख मारे गए थे.
दिल्ली और पंजाब में लोकसभा चुनावों के कारण भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना चाह रही है. दिल्ली में 12 मई और पंजाब में 19 मई को मतदान है. मालेगांव बम धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार बनाए जाने के विवादित निर्णय के बारे में पूछने पर शाह ने अपनी पार्टी के इस फैसले का जोरदार बचाव किया.
उन्होंने कहा कि प्रज्ञा अब भी आरोपी हो सकती हैं, लेकिन उन पर जिस साजिश के आरोप लगाए गए उसे आतंक के अन्य मामलों में अदालतों ने खारिज कर दिया है. कांग्रेस पर अपनी ‘‘वोट बैंक” की राजनीति के लिए हिंदुओं को बदनाम करने की खातिर ‘‘फर्जी हिंदू आतंक” के मामले गढ़ने के आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि अदालतों ने पहले ही इस सिद्धांत (थियरी) को खारिज कर दिया है और प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाने का भाजपा का निर्णय विपक्षी पार्टी के खिलाफ ‘‘सत्याग्रह” है. भाजपा ने भोपाल सीट पर प्रज्ञा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ अपना उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि यूपीए सरकार ने समझौता ट्रेन धमाका मामले में गिरफ्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा से कथित तौर पर जुड़े लोगों को रिहा कर दिया था और उन्हें मुआवजा भी दिया था. यह तब किया गया था जब जांच अधिकारियों ने इस आतंकी घटना के पीछे हिंदुत्ववादी तत्वों का हाथ होने का दावा किया था. बहरहाल, एक अदालत ने हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता असीमानंद सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया. शाह ने यकीन जताया कि भाजपा को 2014 में मिली 282 से ज्यादा सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा की सीटें बढ़ेंगी और जीत का अंतर भी बढ़ेगा. पार्टी उन क्षेत्रों में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी जहां उसका प्रदर्शन परंपरागत तौर पर कमजोर रहा है.

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