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लोकसभा चुनाव: जब अमिताभ बच्चन ने दिग्गज नेता बहुगुणा को हराया था

अनुज कुमार सिन्हा इलाहाबाद संसदीय सीट से 1984 में आया था बेहद रोमांचक नतीजा 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब देश में चुनाव हुआ, ताे कांग्रेस काे एेतिहासिक सफलता मिली थी. विपक्ष (गैर-कांग्रेस) के अनेक दिग्गज नेता इस चुनाव में हार गये. ऐसे ही एक दिग्गज नेता थे हेमवती […]

अनुज कुमार सिन्हा
इलाहाबाद संसदीय सीट से 1984 में आया था बेहद रोमांचक नतीजा
1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब देश में चुनाव हुआ, ताे कांग्रेस काे एेतिहासिक सफलता मिली थी. विपक्ष (गैर-कांग्रेस) के अनेक दिग्गज नेता इस चुनाव में हार गये.
ऐसे ही एक दिग्गज नेता थे हेमवती नंदन बहुगुणा. इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से उन्हें काेई नहीं, बल्कि अमिताभ बच्चन ने हराया था. बुरी तरह से. बहुगुणा काे सिर्फ 1,09, 666 वाेट मिले थे जबकि अमिताभ काे 2,97, 461 यानी 1,87, 795 मताें से अमिताभ की जीत. यह चुनाव चर्चित चुनाव था. अमिताभ बच्चन अपने मित्र राजीव गांधी के आग्रह पर राजनीति में आये थे आैर शानदार जीत दर्ज की थी.
यह अलग बात है कि अमिताभ बच्चन बहुत दिनाें तक राजनीति में नहीं रह सके आैर बीच में ही उन्हाेंने लाेकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वे फिर कभी राजनीति में नहीं आये. इस जीत के कई कारण थे. इनमें इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उठी सहानुभूति लहर, खुद अमिताभ काे लाेकप्रिय हाेना, उनकी पत्नी जया बच्चन द्वारा दमदार प्रचार करना शामिल है.
चुनाव प्रचार में अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन ने भी पूरी ताकत लगा दी थी. अमिताभ का जन्म उसी इलाहाबाद में हुआ था आैर वे अपने ही शहर में चुनाव लड़ रहे थे. इस नाते जया बच्चन उस शहर की बहू थी.
चुनाव प्रचार बड़ा राेचक था. जया बच्चन ने चुनाव में लाेगाें से अपील की थी कि बहू हाेने के नाते लाेग उन्हें मुंहदिखाई (एक रस्म) में वाेट देकर उनके पति काे विजयी बनायें. बड़ी ही शालीनता से जया ने भी प्रचार किया था. जब उनसे पूछा गया था कि बहुगुणा जी आपलाेग काे नाचने-गानेवाला कह रहे हैं, जया ने जवाब दिया था-वाे (बहुगुणाजी हमारे बुजुर्ग हैं. हम उनके बारे में कुछ नहीं कह सकते, वह चाहे हमें कुछ भी कह लें). जया की इस विनम्रता का भी अमिताभ काे बहुत लाभ मिला था.
इसमें काेई शक नहीं कि हेमवती नंदन बहुगुणा बड़े कद के नेता थे आैर अल्पसंख्यकाें में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ थी. यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके थे. लेकिन इस बार उनका सामना था अमिताभ बच्चन से.
चुनाव प्रचार के दाैरान एक बार अमिताभ बच्चन का सामना बहुगुणा से हाे गया था. दाेनाें कार से उतरे. अमिताभ ने बहुगुणा काे झुक कर प्रणाम किया आैर आशीर्वाद मांगा. बहुगुणा ने अाशीर्वाद दिया-जिस क्षेत्र में हैं,उसी में तरक्की करें. अमिताभ ने कहा कि मुझे चुनाव में जीतने का आशीर्वाद आपसे चाहिए.
बहुगुणा ने फिर पुराना वाला आशीर्वाद दिया, विजयी भव: का नहीं. इस चुनाव में महिलाआें आैर लड़कियाें में अमिताभ काे लेकर इतना उत्साह था कि कई क्षेत्राें में जब अमिताभ गुजरते थे, छताें पर से महिलाएं फूल बरसाती थीं, फूलाें की माला फेंकती थी.
ऐसा ही घटना जया के साथ घटती थी.एक बार ताे जया काे अपने कार्यकर्ताआें काे कहना पड़ा कि आप सभी क्षेत्राें में जाकर प्रचार में लग जायें. मेरे आसपास ही जमे नहीं रहें. इसी लाेकप्रियता का कमाल था कि अमिताभ बच्चन भारी मताें से (68.21 फीसदी) विजयी रहे थे.
लाेकप्रियता के शिखर पर थे तब अमिताभ
हेमवती नंदन बहुगुणा बड़े नेता थे. यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके थे. उन्हें हराना आसान नहीं था. इसलिए कांग्रेस ने उन्हेें हराने के लिए अमिताभ बच्चन काे उतारा था. उन दिनाें भी अमिताभ अपनी लाेकप्रियता के शिखर पर थे.

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