नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि असम में भारत-बांग्लादेश सीमा के एक जलीय क्षेत्र की मंगलवार से इलेक्ट्रॉनिक निगरानी शुरू होगी. इस क्षेत्र में कांटेदार तार की बाड़ नहीं लगी है. इस निगरानी का लक्ष्य घुसपैठियों पर लगाम कसना तथा हथियारों, विस्फोटकों, मादक पदार्थों और मवेशियों की तस्करी रोकना है.
असम के धुबरी जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 61 किलोमीटर लंबे जलीय क्षेत्र में स्मार्ट फेंसिंग काम करना शुरू करेगी. इसी इलाके से ब्रहमपुत्र नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली के तहत परियोजना ‘बोल्ड-क्यूआईटी’ (बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डॉमिनेटिड क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेकनीक) का उद्घाटन करेंगे. इस परियेाजना में भारत-बांग्लादेश सीमा के उस क्षेत्र पर नजर रखी जायेगी जहां बालू के द्वीप और असंख्य नदी जलधाराएं हैं जो इस इलाके में विशेषकर बारिश के मौसम में सुरक्षा का काम बहुत मुश्किल बना देते हैं.
इस समस्या से निजात पाने के लिए, गृह मंत्रालय ने 2017 में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की उपस्थिति के अलावा तकनीकी व्यवस्था करने का फैसला किया था. जनवरी 2018 में बीएसएफ की सूचना एवं प्रौद्योगिकी शाखा ने ‘बोल्ड-क्यूआईटी’ परियोजना पर काम करना शुरू किया और इसे विभिन्न निर्माताओं एवं आपूर्तिकर्ताओं के तकनीकी सहयोग से रिकार्ड समय में पूरा किया.