नयी दिल्ली : जब भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान तड़के पाकिस्तान की जमीन पर मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहे थे, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर जगकर पूरी अभियान पर नजर रखे हुए थे और तभी आराम करने गए जब सभी लड़ाकू विमान और पायलट सुरक्षित लौट आये. सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अभियान में शामिल लोगों को सुबह करीब साढ़े चार बजे बधाई देने के बाद वह अपनी नियमित दिनचर्या में व्यस्त हो गये, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास पर सुबह 10 बजे मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक समेत उनका दिन भर का व्यस्त कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था. इसके बाद वह राष्ट्रपति भवन गये जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2015 से 2018 तक के लिए गांधी शांति पुरस्कार दिये. बाद में मोदी एक रैली के लिए राजस्थान गये और वहां से नयी दिल्ली लौटकर इस्कॉन के कार्यक्रम में शामिल हुए.
नाम न जाहिर करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरी रात झपकी भी नहीं ली और इस पूरे अभियान से अंत तक जुड़े रहे. सूत्र ने कहा कि सोमवार रात को मोदी ने ताज पैलेस होटल में एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सवा नौ बजे करीब घर के लिए रवाना हुए थे. 10 मिनट में सात लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पहुंचे मोदी ने हल्का खाना खाया और अभियान से जुड़ गये, जिनमें आतंकी शिविर पर हवाई हमले की तैयारियों का लेखा-जोखा शामिल था.
हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं था कि वह अपने घर पर थे या किसी दूसरे स्थान पर जहां एक कंट्रोल रूम से ऐतिहासिक घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही थी. प्रधानमंत्री के एक करीबी सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री अभियान के दौरान और उसके बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ के साथ संपर्क में थे.
सूत्र ने बताया कि एक बार जब अभियान खत्म हो गया, तब उन्होंने अधिकारियों से इस हवाई हमले में शामिल सभी पायलटों की कुशलता की जानकारी ली. जब यह स्पष्ट हो गया कि सभी सुरक्षित हैं, तब प्रधानमंत्री वहां से अलग हुए और दूसरे मामलों पर अपना ध्यान लगाया.