नयी दिल्ली : दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने एक दशक पुराने धनशोधन मामले में गिरफ्तार अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई दो अप्रैल तक के लिए टाल दी. शाह की अर्जी सुनवाई के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा के सामने आयी. अदालत ने पिछली 18 फरवरी को शाह की जमानत अर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा था. अर्जी अदालत में समता के आधार पर दायर की गयी है.
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल में उनके सह-आरोपी एवं कथित हवाला डीलर मोहम्मद असलम वानी को मामले में जमानत दे दी. अर्जी में दावा किया गया है कि आरोपी को गलत तरह से फंसाया गया है और 2005 में हुए कथित अपराध को 2007 में दर्ज किया गया था. शाह न्यायिक हिरासत में हैं और तिहाड़ केंद्रीय जेल में बंद हैं. शाह ने अपनी याचिका में कहा था कि वानी को पहले ही जमानत दी जा चुकी है और उनके खिलाफ सबूत नहीं हैं.
इसमें दावा किया गया था कि शाह निर्दोष हैं और समाज में उनकी गहरी जड़े हैं. वह श्रीनगर का एक स्थायी निवासी हैं और इसलिए उनके फरार होने या अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ किये जाने की कोई संभावना नहीं है. शाह को 25 जुलाई, 2017 को मामले में दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने गिरफ्तार किया था, जिसने वानी को भी गिरफ्तार किया. उसने दावा किया कि वानी से 63 लाख रुपये बरामद किये गये, जिसमें से 52 लाख रुपये कथित तौर पर शाह को दिये जाने थे.