नयी दिल्ली : चुनाव आयोग के लिए ईवीएम बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने ईवीएम को हैक करने का दावा करने वाले स्वयंभू साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के 2009 से 2014 के बीच कंपनी के साथ किसी भी भूमिका में काम करने से इनकार किया है.
ईसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल संजय चौबे (सेनि) ने मंगलवार को आयोग को शुजा के ईसीआईएल के लिए काम करने संबंधी मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए यह जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, चौबे ने उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन को लिखे पत्र में बताया, कंपनी के पुराने रिकॉर्ड की जांच में पाया गया है कि ना तो 2009 से 2014 के दौरान शुजा कंपनी का नियमित कर्मचारी था, ना ही ईवीएम के डिजायन एवं डेवलपमेंट के मामले में किसी भी भूमिका में जुड़ा था. उल्लेखनीय है कि सोमवार को शुजा ने लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है और 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी. उसने पूर्व में स्वयं को ईसीआईएल से जुड़े रहने का दावा करते हुए कहा था कि विभिन्न विधानसभा चुनावों में भी ईवीएम में छेड़छाड़ की गयी थी.
इसके बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को लिखे एक पत्र में कहा है कि सैयद शुजा ने आईपीसी की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है. इस आधार पर आयोग ने दिल्ली पुलिस को उस शुजा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है, जिसने दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी और ईवीएम को हैक किया जा सकता है. ईसीआईएल के प्रबंध निदेशक चौबे ने मीडिया रिपोर्टों में शुजा के ईसीआईएल से जुड़े होने के दावे का खंडन करते हुए स्थिति को स्पष्ट किया है. आयोग ने कंपनी से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा था.