नयी दिल्ली : कॉलेजियम सिस्टम से जुड़े एक नये विवाद के सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक जज संजय कौल ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा है. मामला कुछ यूं है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा हाईकोर्ट के दो चीज जस्टिस की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में किये जाने की सिफारिश की गयी, लेकिन फिर इस फैसले को बदलकर दो अन्य हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाये जाने की सिफारिश कर दी गयी.
शुरुआत में जिन जजों के नाम की सिफारिश की गयी थी वे हैं राजस्थान हाईकोर्ट के प्रदीप नंद्राजोग और दिल्ली हाईकोर्ट के राजेंद्र मेनन. बाद में इनकी जगह पर कर्नाटक हाई कोर्ट के दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की गयी. टाइम्स अॅाफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम के इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट के कई जज नाराज हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए रंजन गोगोई को पत्र लिखा है. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर जज कैलाश गंभीर ने कॉलेजियम के इस ‘यूटर्न’ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र आपत्ति जताते हुए लिखा है.
Retired judge of Delhi High Court Justice Kailash Gambhir has written to President Ram Nath Kovind, objecting to the decision of collegium which recommended elevation of Justice Sanjiv Khanna and Justice Dinesh Maheshwari to the Supreme Court pic.twitter.com/zblIFuy2rZ
— ANI (@ANI) January 16, 2019
सुप्रीम कोर्ट के जज संजय कौल राजस्थान हाई कोर्ट के सीजे नंद्राजोग को नजरअंदाज किए जाने के खिलाफ पहले ही लिखित आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. उनका कहना है कि नंद्राजोग उन सभी जजों में सबसे वरिष्ठ हैं, जिनके नामों पर विचार किया गया.
हालांकि सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि पहली बार सिफारिश किये गये नामों की चर्चा मीडिया में हो जाने से चीफ जस्टिस नाराज थे और उन्होंने अपना फैसला बदला. हालांकि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर सफाई भी दी है.