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अंडमान निकोबार पहुंचे मोदी, तीन द्वीपों के नाम बदलने व नेताजी के नाम पर विवि की घोषणा

पोर्ट ब्लेयर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदलने की रविवार को घोषणा की. नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की गयी. मोदी ने भाषण के दौरान कहा कि रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा […]

पोर्ट ब्लेयर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदलने की रविवार को घोषणा की. नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की गयी.

मोदी ने भाषण के दौरान कहा कि रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा जायेगा, नील द्वीप को अब से शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जायेगा. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट, ‘फर्स्ट डे कवर’ और 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया. साथ ही उन्होंने बोस के नाम पर एक मानद विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की. इससे पहले मोदी ने यहां मरीना पार्क का दौरा किया और 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया. यहां उन्होंने पार्क में स्थित नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की.

प्रधानमंत्री ने सुनामी से उबरने के लिए कार निकोबार के लोगों को बधाई दी और कहा कि सरकार अंडमान में लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर काम कर रही है. यह द्वीप 2004 में आयी सुनामी की चपेट में आया था. द्वीप पर प्रचलित संयुक्त परिवार व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के लोग देश के अन्य हिस्सों के लिए नजीर पेश कर सकते हैं. उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है. उन्होंने यहां बीजेआर स्टेडियम में जनता को संबोधित करते हुए कहा, यहां लोग लंबे समय से समुद्री क्षरण की समस्या का हल निकालने की मांग कर रहे हैं. मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक समुद्री दीवार खड़ी करने का फैसला किया है जिसकी नींव रविवारको ही रखी जायेगी. प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह दीवार जल्द से जल्द बना ली जायेगी और इसके निर्माण में अनुमानित लागत 50 करोड़ रुपये आयेगी.

अंडमान के किसानों के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोकोनट हस्क का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,000 रुपये से बढ़ा कर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल की महत्ता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, हम देश को सस्ती और हरित ऊर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कार निकोबार के पर्यावरण का संरक्षण करते हुए सौर ऊर्जा की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है. उन्होंने कहा कि द्वीप पर 300 किलोवॉट तक की सौर ऊर्जा पैदा करनेवाली ईकाई स्थापित की जायेगी. मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के मछुआरों के कल्याण के लिए 7,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य किसानों को वित्तीय रूप से सशक्त करना है.

मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि देश का कोई भी कोना और उसके लोग विकास से वंचित ना रहें. उन्होंने कहा, कार निकोबार में लोगों की सुरक्षा के साथ सरकार युवाओं के लिए रोजगार, बच्चों के लिए शिक्षा, बुजुर्गों के लिए चिकित्सा देखभाल और किसानों के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करने की कोशिशें कर रही है. इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कार निकोबार में एक स्मारक पर सुनामी पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी.

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