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मोदी ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के तीसरे चरण का किया शिलान्यास, यूपीए सरकार को कोसा

कल्याण/पुणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार परिवहन सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर का ध्यान केंद्रित किये हुए है, जबकि उनकी राय में पिछली सरकारों ने इस काम पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया. मोदी ने कहा कि मेट्रो परियोजनाएं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार (1998-2004) के दौरान परवान […]

कल्याण/पुणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार परिवहन सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर का ध्यान केंद्रित किये हुए है, जबकि उनकी राय में पिछली सरकारों ने इस काम पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया. मोदी ने कहा कि मेट्रो परियोजनाएं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार (1998-2004) के दौरान परवान चढ़ी. यदि वह थोड़े और समय सरकार में रहते तो आज देश के शहरों में तेज गति की सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों की दशा ही कुछ और होती.

मोदी पुणे में मेट्रो रेल परियोजना के तीसरे चरण के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की सोच पिछली सरकारों से अलग है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बुनियादी ढांचा विकास की गति और पैमाने को नयी ऊंचायी दी. मोदी ने कहा, उनकी सोच, उनको मुबारक, हमारी सरकार का लक्ष्य संतुलित विकास करना है, जिसका लाभ समाज के आखिरी पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचे. उन्होंने कहा, पिछली सरकारों ने परिवहन और बुनियादी ढांचे के विकास पर उतना ध्यान नहीं दिया जितने की जरूरत थी. पुणे मेट्रो रेल परियोजना के तीसरे चरण में 24 किलोमीटर मार्ग विकसित किया जायेगा. यह शहर के बीच शिवाजीनगर को बाहरी इलाके हिंजेवाडी से जोड़ेगा. हिंजेवाडी इलाका सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों का गढ़ है. इस पर 8000 करोड़ रुपये की लागत आयेगी और यह 36 माह में पूरी हो जायेगी.

उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछले साल मेट्रो रेल नीति की घोषणा की. इसमें नजी सार्वजनिक भागदारी की परियोजनाओं को स्थान दिया गया है और इसके लिए स्पष्ट नियम और विनियम बनाये गये हैं. पुणे मेट्रो का तीसरा चरण उसके बाद घोषित किसी मेट्रो रेल का पहला मार्ग है. उन्होंने कहा कि पिछले पाचं साल में 300 किलोमीटर की मेट्रो परियोजनाएं चालू की गयी हैं और 200 किलोमीटर लाइनों का काम पूरा किया जा रहा है. इस समय कुल 500 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क चल रहा है. इससे पहले दिन में मोदी ने कल्याण में ठाणे-भिवंडी-कल्याण (मेट्रो रेलमार्ग-पांच) और दहीसर-मीरा भयंदर (मेट्रो रेलमार्ग-नौ) का शिलान्यास किया. इनकी संयुक्त लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये आंकी गयी है. इन दोनों परियोजनाओं का निर्माण मुंबई नगर निगम क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण करेगा.

इसके अलावा उन्होंने वहां नवी मुंबई शहरी नियोजन प्राधिकरण और राज्य सरकार के सिडको (नगर एवं औद्योगिक विकास निगम) की आवासीय योजना का भी शुभारंभ किया. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18,000 करोड़ रुपये की लागत से 89,771 कम दाम की आवास इकाइयों का निर्माण किया जाना है. उन्होंने कहा, नयी मेट्रो रेल नीति में लोक-सार्वजनिक भागीदारी को अपनाया गया है. यह एक सुधारोन्मुखी नीति है, जहां नियम-कायदे एकदम स्पष्ट हैं. मोदी ने कहा कि मेट्रो परियोजनाओं को वाजपेयी सरकार के दौरान बड़ा प्रोत्साहन मिला. उन्होंने कहा कि पहले भी विचारों की कोई कमी नहीं थी, केवल उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत थी.

इससे पहले मोदी ने कल्याण में भी कहा कि मुंबई में पहली मेट्रो लाइन (वर्सोवा-अंधेरी-घाटकोपर) का विचार कांग्रेस की सरकार के दौरान 2006 में तैयार किया गया. लेकिन पता नहीं यह आठ वर्षों तक क्यों लटका रहा. जब 2014 में हमारी सरकार आयी तो हमने इस पर तेज गति से काम करने का निर्णय किया और अब हम 2024 तक 275 किलोमीटर लंबे मेट्रो लाइन का प्रस्ताव रख रहे हैं. महाराष्ट्र की पिछली डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा उनकी सरकार एक ‘आदर्श’ तैयार करने की दिशा में काम कर रही है. यह आदर्श सोसायटी नहीं है जिसकी चर्चा पिछली सरकार के दौरान होती थी. हम समाज और गरीब परिवारों के लिए एक वास्तविक आदर्श तैयार कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के आने के बाद पिछले चार साल में उनकी सरकार ने 1.25 करोड़ घरों का निर्माण किया है, जबकि कांग्रेस सरकार ने 2010 से 2014 के बीच मात्र 25.5 लाख मकान बनाये.

रेरा कानून के बारे में मोदी ने कहा कि इसके प्रभाव में आने के बाद से घर खरीदने की रफ्तार बढ़ी है. देश में 21 रेरा अधिकरणों ने काम शुरू कर दिया है और महाराष्ट्र ने इसे सबसे पहले शुरू किया. कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी थे. ठाणे-भिवंडी-कल्याण मेट्रो रेलमार्ग-पांच की अनुमानित लागत 8,416 करोड़ रुपये है. 24.9 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर 17 स्टेशन होंगे. पूरी प्रणाली छह कोच की मेट्रो रेल के मुताबिक तैयार की जायेगी. 2021 तक इस मार्ग से 2.29 लाख लोगों के रोजाना सफर करने की उम्मीद है. दहीसर-मीरा भयंदर मेट्रो रेलमार्ग-नौ 10.3 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें आठ स्टेशन होंगे और इसकी अनुमानित लागत 6,607 करोड़ रुपये है. इस मार्ग के 2022 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है. इन दोनों परियोजनाओं का निर्माण मुंबई नगर निगम क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण करेगा.

वहीं, मोदी ने पुणे में कहा कि पिछले चार सालों में मेट्रो इस देश की जीवनरेखा बन गयी है. देशभर में पिछले चार सालों में 300 किलोमीटर मेट्रो रेललाइन को चालू किया गया और 200 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. मौजूदा समय में देश 500 किलोमीटर रेल लाइन है.

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