नयी दिल्ली:इराक में फंसे लोगों के परिवार वाले आज अमृतसर से धीरे-धीरे दिल्ली पहुंच रहे हैं. ये लोग शाम को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे. ये अपने परिवार के लोगों को वापस लाने का सरकार से आग्रह करेंगे. दूसरी ओर सुषमा स्वराज ने भी इस पूरे मामले पर अपना बयान दिया है.इराक के मोसुल शहर में 40 भारतीयों के अपहरण पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी गहरी चिंता जताते हुए कहा कि भारतीयों को इराक से निकालने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
विदेश मंत्री ने अपहृत व्यक्तियों के परिजनों को आश्वासन देते हुए कहा, ‘‘सभी प्रयास जारी हैं (उन्हें छुडाने के). मैं व्यक्तिगत तौर पर इसे देख रही हूं. उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हम कोई कोर कसर नहीं छोड रहे हैं.’’ गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि मोसुल में 40 भारतीयों का अपहरण कर लिया गया है लेकिन फिरौती की कोई मांग प्राप्त नहीं हुई है. इराक में लगभग 10 हजार भारतीय रह रहे हैं. और ज्यादातर लोग पंजाब के है जो मजदूरी के लिए इराक गये हैं.
मंत्रालय ने बताया कि वह इराक के तिकरित में फंसी 46 भारतीय नर्सों से संपर्क में है. इस शहर पर भी आईएसआईएस चरमपंथियों ने कब्जा कर लिया है. सरकार ने बगदाद स्थित भारतीय दूतावास को मजबूती देने के लिए पूर्व राजनयिक सुरेश रेड्डी को वहां भेजा है. सरकार वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस पूरे मामले पर खूद नजर रख रहीं हैं.
इराक में फंसे गोपालगंज के 10 युवक
अकाली नेता नरेश गुजराल का दावा है कि सुषमा स्वराज ने बादल को बताया है कि सभी 40 लोग महफूज हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र से कहा कि प्रदेश सरकार इराक में फंसे पंजाबियों की वापसी के लिए पूरा खर्च उठाने को तैयार है. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि सरकार इराक में भारतीयों के संपर्क में है. उन्हें जल्द ही भारत सुरक्षित लाया जायेगा.
इराक ने अमेरिका से मदद मांगी
विद्रोहियों के खिलाफ इराक ने अमेरिका से मदद मांगी है. इराक के विदेश मंत्री होशियार जेबारी ने बयान जारी करके कहा है कि अमेरिका हमारी मदद करे. हवाई हमले करके विद्रोहियों को मार गिराये. हालांकि इस मामले पर अमेरिका ने अपना रुख साफ नहीं किया है.
सभी भारतीय सुरक्षित
टीवी खबरों की माने तो सभी भारतीय इराक के इरबिल शहर में सुरक्षित हैं. बताया जा रहा है कि ये आइएसआएस के आतंकियों के कब्जे में हैं और आतंकी किसी भारतीय प्रतिनिधि का इंतजार कर रहे हैं. आतंकियों का कहना है कि किसी भारतीय प्रतिनिधि के आने पर इन्हें उनके हवाले कर दिया जायेगा.
40 भारतीयों का अपहरण
इराक में 40 भारतीय कामगारों का अपहरण कर लिया गया है. सरकार ने उनका पता लगाने के लिए हरसंभव प्रयास शुरू कर दिये गये हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बुधवार को कहा कि कामगारों में अधिकतर पंजाब व उत्तर भारत के हैं. ये सभी मोसुल शहर में तारिक नूर अलहुदा कंपनी के लिए काम कर रहे थे. प्रवक्ता के मुताबिक जो भी सूचना मिली है, वह अंतरराष्ट्रीय रेड क्रिसेंट व अन्य मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से मिली हैं. हमारे पास कोई सुराग नहीं है. वैसे भारत कई मानवाधिकार एजेंसियों, इराक में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन व इराक की सरकार के संपर्क में है. इंटरनेशनल रेड क्रिसेंट को भारतीयों के स्थान के बारे में पता नहीं है. यह पूछने पर कि क्या सरकार अमेरिका से सहयोग ले रही है तो उन्होंने अभियान की विस्तृत चर्चा से इनकार कर दिया . मोसुल बगदाद से 400 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है.