मुंबई: केंद्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि कोई भी महिला अपनी बहन और भाभी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में घरेलू हिंसा अधिनियम का इस्तेमाल नहीं कर सकती.
न्यायमूर्ति मोहित शाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ फिलहाल एक मां-बेटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. दोनों ने घरेलू हिंसा विरोधी अधिनियम की धारा 2(क्यू) की वैधता को चुनौती दी है. यह धारा प्रतिवादी (जिसके खिलाफ शिकायत हो सकती है) की परिभाषा को वयस्क पुरुष सदस्य तक ही सीमित करती है.
याचिकाकर्ता कुसुम हरसोवा (53) और उनकी मां पुष्पा हरसोवा (78) ने इस सीमित परिभाषा पर आपत्ति जताई है. पीठ ने इस मामले पर केंद्र सरकार के वकील से राय मांगी थी.