तिरुवनंतपुरम : केरल में एलडीएफ सरकार का नेतृत्व करने वाली माकपा ने शनिवार को कहा कि वह सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी संबंधित पक्षों से बातचीत के बाद लागू करना चाहती है. पार्टी के सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि फैसले को लागू करने के लिए चर्चा की गयी है. सरकार इसे लागू करने के लिए संबंधित लोगों का समर्थन चाहती है, न कि बलप्रयोग से इसे लागू करना चाहती है. उन्होंने बताया कि वाम दल को इस मुद्दे पर कोई भ्रम नहीं है.
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बालकृष्णन ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग इस मुद्दे पर प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष रुख नहीं अपना रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर हिंसा या तनाव उत्पन्न करने नहीं देगी. माकपा ने आरोप लगाया कि केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला हिंदू कट्टरपंथियों के प्रभाव में हैं.
इस बीच, राज्य देवस्वओम मंत्री कदकंपल्ली सुरेंद्रन ने भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ पर हमला बोलते हुए कहा कि वे श्रद्धालुओं के बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और मुश्किल स्थिति से फायदा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का रुख आपसी सहयोग के साथ आगे बढ़ने का है.
सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर प्रदर्शन उस समय तेज हो गये, जब एलडीएफ सरकार ने स्पष्ट किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी. विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा ने सरकार के रुख की आलोचना की.
दोनों दलों ने आरोप लगाया कि वाम सरकार श्रद्धालुओं की भावनाओं पर ध्यान दिये बिना जल्दबाजी में अदालत का आदेश लागू करने की कोशिश कर रही है. अयप्पा श्रद्धालुओं का एक वर्ग शनिवार को तिरुवंनतपुरम में त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के मुख्यालय के सामने धरने पर बैठ गया.