हैदराबाद : हैदराबाद के गोकुल चाट और लुंबिनी पार्क में 2007 में हुए दोहरे बम विस्फोट मामले में यहां की एक अदालत मंगलवार को फैसला सुना सकती है. इन दोहरे बम धमाकों में 44 लोगों की जान चली गयी थी और 68 लोग घायल होगये थे. अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश टी श्रीनिवास राव ने 27 अगस्त को मामले में फैसला चार सितंबर तक के लिए टाल दिया था.
तेलंगाना पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस शाखा ने मामले की जांच की और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ये सभी इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी थे. एजेंसी ने पांचों आरोपियों के खिलाफ चार आरोप-पत्र दायर किये थे और दो फरार आरोपियों रियाज भटकल और इकबाल भटकल को भी नामजद किया था.
गिरफ्तार आरोपियों मोहम्मद अकबर इसमाइल चौधरी, अनीक शफीक सईद, फारूक शर्फुद्दीन तरकश, मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शेख और तारिक अंजुम को 27 अगस्त को चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत के समक्ष पेश किया गया था, जहां वह वर्तमान में कैद हैं.
पांचों आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को इस साल जून में नामपल्ली अदालत परिसर में स्थित अदालत से स्थानांतरित कर चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार के परिसर में स्थित अदालत कक्ष लाया गया था. दोहरे विस्फोट और दिलसुखनगर इलाके में फुट ओवरब्रिज के नीचे से एक बम मिलने के संबंध में आरोपियों पर आइपीसी की धारा 302 (हत्या) और अन्य संबंधित धाराओं तथा विस्फोटक सामग्री अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाये गयेहैं.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, अनीक शफीक सईद ने लुंबिनी पार्क में बम रखा था, जबकि गोकुल चाट पर रियाज भटकल ने बम रखा था. वहीं एक और बम इसमाइल चौधरी ने रखा था. तारिक अंजुम पर विस्फोट के बाद अन्य आरोपियों को शरण देने का आरोप है.
प्रसिद्ध भोजनालय गोकुल चाट के पास हुए विस्फोट में 32 लोगों की जान चली गयी थी और 47 घायल हो गये थे, जबकि राज्य सचिवालय से सटे लुंबिनी पार्क के ओपन एयर थिएटर में हुए विस्फोट में 12 लोग मारे गये थे और 21 अन्य घायल हुए थे.