नयी दिल्ली : न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी द्वारा शीर्ष अदालत की न्यायाधीश के पद की शपथ ग्रहण करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में महिला न्यायाधीशों की संख्या आज बढ़कर तीन हो गयी. न्यायालिका के इतिहास में पहली बार शीर्ष अदालत में तीन महिला न्यायाधीश-न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी हैं.
आजादी के बाद 1950 में सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक आठ महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति शीर्ष अदालत में हो चुकी हैं. इनमें सबसे पहली महिला न्यायाधीश फातिमा बीवी थीं जिनकी नियुक्ति 1989 में हुई थी. मद्रास उच्च न्यायालय से पदोन्नत होकर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त होने वाली न्यायमूर्ति बनर्जी 23 सितंबर, 2022 को सेवानिवृत्त होंगी. मद्रास उच्च न्यायालय से पहले वह कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश और फिर वहीं पर मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं.
न्यायमूर्ति बनर्जी से पहले वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनने वाली सातवीं महिला थीं. सुश्री मल्होत्रा पहली महिला न्यायाधीश हैं जिनकी सीधे उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति हुई. न्यायमूर्ति फातिमा बीवी के बाद न्यायमूर्ति सुजाता वी मनोहर, न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और फिर न्यायमूर्ति आर भानुमति शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनीं.