नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार के सलाहकारों की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले की जद में आये आप नेता राघव चड्ढा ने बतौर सलाहकार सरकार से मिले ढाई रुपये मेहनताने को आज गृह मंत्रालय को वापस लौटा दिया.
चढ्ढा ने आज कहा कि आप सरकार ने फरवरी 2015 में उन्हें और शिक्षाविद आतिशी मर्लीना सहित कुछ अन्य विशेषज्ञों को बतौर सलाहकार नियुक्त किया था. शिक्षा और स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में बेहतर परिणाम मिलने पर केन्द्र सरकार ने इसे प्रोत्साहित करने के बजाय तैनाती के तीन साल बाद नौ विशेषज्ञ सलाहकारों की नियुक्ति को रद्द कर दिया.
उन्होंने कहा, आतिशी एक रुपये प्रति माह सांकेतिक वेतन पर काम कर रही थी और मैंने बजट बनाने में सरकार की मदद के लिये 75 दिन तक काम किया था, जिसके एवज में सरकार से ढाई रुपये मेहनताना लिया था. मैंने डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से आज केन्द्र सरकार को यह राशि वापस कर दी है.
इस दौरान पार्टी प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार के जनहित के कार्यों को ठप करने के लिए राजनीतिक द्वेष के कारण सलाहकारों की नियुक्ति रद्द करने के लिये यह फैसला किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता भाजपा की इस साजिश से वाकिफ है और उचित समय पर इसका जवाब भी देगी.