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बजट 2018 : मिडिल क्लास पर ऐसे बढ़ेगा टैक्स बोझ, गांव-गरीब को ऐसे मिलेगी राहत

नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट पेश किया. इस बजट में जेटली ने मध्यवर्ग के लिए किसी बड़े राहत का एलान नहीं किया. टैक्स स्लैब को पूर्व के स्तर पर स्थित रखा गया. एक नया बदलाव यह किया गया कि इसमें सैलरी क्लास के […]

नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट पेश किया. इस बजट में जेटली ने मध्यवर्ग के लिए किसी बड़े राहत का एलान नहीं किया. टैक्स स्लैब को पूर्व के स्तर पर स्थित रखा गया. एक नया बदलाव यह किया गया कि इसमें सैलरी क्लास के लिए 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड टैक्स डिडेक्शन का लाभ जोड़ा गया, हालांकि इसके एवज में सरकार ने मेडिकल रीइंबर्समेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर मिलने वाले टैक्स छूट को वापस ले लिया. वहीं, शेयर बाजार में निवेश व म्युचुअल फंड से होने वाली कमाई पर भी सरकार ने टैक्स लगा दिया. दूसरी ओर शेयर से लांगटर्म एक लाख रुपये की अधिक कमाई पर 10 प्रतिशत व इक्विटी म्युचुअल फंड के लाभ वितरण पर दस प्रतिशत का टैक्स लगाने का एलान कर दिया. वित्त मंत्री ने तीन प्रतिशत शिक्षा उपकर के स्थान पर चार प्रतिशत स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर भी लगा दिया. इसका मतलब है कि आयकर दाताओं पर कर बोझ एक प्रतिशत बढ़ जायेगा. सरकार ने शहरी मध्यवर्ग व नौकरीपेश तबके को सरकार ने आज कोई बड़ी राहत नहीं दी, वहीं ग्रामीण भारत व किसानों के लिए कई बड़ी घोषणा की. सरकार ने कृषि कर्ज की सीमा में 10 प्रतिशत करते हुए उसे 11 लाख करोड़ रुपये कर दिया. एमएसपी को लागत मूल्य से डेढ़ गुणा करने का एलान किया. महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन देने, 50 करोड़ लोगों को पांच लाख का हेल्थ इंश्योरेंस देने जैसे बड़े एलान किये. ऑपरेशन ग्रीन के लिए पांच हजार करोड़ के फंड का एलान किया.


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खेती-किसानी पर सबसे ज्यादा जोर

वित्तमंत्रीअरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कृषि कर्ज की सीमा बढ़ा कर 11 लाख करोड़ रुपये करने का एलान किया, जो पिछले बजट में 10 लाख करोड़ रुपये था. यानी पिछले कृषि कर्ज सीमा से यह दस प्रतिशत अधिक है. अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में एलान किया कि उनकी सरकार खरीफ फसल की लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी देगी. जेटली ने कहा कि एक न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर देने से कुछ नहीं होता है, बल्कि उसे उनकी लागत से कनेक्ट करना जरूरी है.


टैक्स छूट नहीं मिली, शेयर की कमाई पर भी लग गया टैक्स

सरकर ने शेयरों में निवेश से होने वालेलांगटर्म कैपिटल गैन पर 10%टैक्स लगाने का आज प्रस्ताव किया. यह कर एक लाख रुपये से अधिक के लाभ पर होगा और सरकार के इस प्रस्ताव से शेयर बाजारों को झटका लगा. इसके बाद शेयर बाजार में 1.16 प्रतिशत तक की गिरावट आयी. जेटली ने लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए कहा कि एक लाख रुपये से अधिक की कमाई पर दस प्रतिशत टैक्स लगेगा. अबतक दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता था, जिसकी अवधि एक वर्ष मानी जाती है. हालांकि उन आशंकाओं पर आज विराम लग गया कि सरकार लांग टर्म कैपिटल गैन की अवधि न्यूनतम तीन वर्ष करेगी. शार्ट टर्म कैपिटल गैन पर 15 प्रतिशत टैक्स लगेगा. जेटली ने कहा कि 31 जनवरी, 2018 की तिथि तक शेयरों में निवेश से होने वाले पूंजीगत लाभ को इस नयी कर व्यवस्था से छूट होगी पर उसके बाद के पूंजीगत लाभ पर नए प्रावधान के तहत कर लगेगा. जेटली ने शेयर की कमाई पर टैक्स के लिए इसकी अच्छी कमाई का हवाला दिया.

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एमएफ आय पर भी 10 प्रतिशत टैक्स

आर्थिक वृद्धि के लिए जीवंत शेयर बाजार की अहमियत स्वीकार करते हुए जेटली ने कहा कि वे वर्तमान व्यवस्था में एक मामूली बदलाव का प्रस्ताव कर रहे हैं. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने इक्विटी केंद्रित म्युचुअल फंड द्वारा वितरित आय पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाने का भी प्रस्ताव किया है ताकि विकास उन्मुख फंडों और लाभांश वितरक फंडों के लिए समान अवसर संभव हो सके. एमएफ के प्रति मध्यवर्ग का रूझान हाल के दिनों में तेजी से बढ़ा है, ऐसे में इस टैक्स को भी उनके लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है.

मोदीकेयर का 50 करोड़ लोगों को लाभ

देश में 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना-आयुष्मान भारत शुरू करने की घोषणा की और कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज 2018-19 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘हम 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (करीब 50 करोड़ लाभार्थी) को दायरे में लाने के लिए एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना प्रारंभ करेंगे जिसके तहत दूसरे और तीसरे स्तर के अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष तक का कवरेज प्रदान किया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘यह विश्व का सबसे बड़ा सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम के सुचारू क्रार्यान्वयन के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी.’ मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों को 30 हजार रुपये का वार्षिक कवरेज ही प्रदान करती है. उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए इस बजट में 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान की जायेगी.

उड़ान योजना भरेगी उड़ान : जुड़ेंगे 56 नये हवाई

सरकार की महत्वाकांक्षी उड़ान योजना के तहत ऐसे 56 हवाईअड्डों और 31 हेलीपैडों को जोड़ा जाएगा जो अबतक बेहद कम इस्तेमाल में थे. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने एक नयी मुहिम के तहत प्रति वर्ष एक अरब उड़ानें संचालित करने के लिए हवाईअड्डों की क्षमता को पांच गुना विस्तृत करने का भी प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन साल में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या प्रति वर्ष 18 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. हमारी विमानन कंपनियों ने इस दौरान 900 से अधिक विमान खरीदे हैं.’ उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के तहत ऐसे 56 हवाईअड्डों और 31 हेलीपैडों को जोड़ा जाएगा जो अबतक बेहद कम इस्तेमाल में हैं.

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