नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया है कि तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच दशकों पुराने कावेरी जल विवाद पर एक महीने के भीतर फैसला सुना दिया जायेगा. न्यायालय ने कहा कि दो दशकों से अधिक समय के दौरान काफी भ्रम पैदा किया जा चुका है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि कावेरी बेसिन से संबंधित मामले को कोई भी फोरम चार सप्ताह के भीतर उसके फैसले के बाद देख सकती है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि पिछले दो दशकों में बहुत भ्रम हो चुका है.
हम चार सप्ताह के भीतर अपना फैसला सुना देंगे. शीर्ष अदालत ने समाज सेविका किरण मजुमदार शाह के नेतृत्व में नागरिकों के एक समूह बेंगलोर पाॅलिटिकल एक्शन कमेटी द्वारा 2016 में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.
इस याचिका में नागरिकों ने बेंगलुरु और आस-पास के जिलों के निवासियों के लिए जलापूर्ति हेतु हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था. न्यायालय की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के 2007 के अवार्ड के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की अपीलों पर 20 सितंबर, 2017 को सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा.