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अगस्ता वेस्टलैंड मामलाः अहम दस्तावेज लीक होने से मोदी सरकार परेशान, सुप्रीम कोर्ट दायर की जा रहीं याचिकाएं

नयी दिल्ली : सरकार के संवेदनशील विभागों आैर संस्थानों से अहम दस्तावेज लीक होने से मोदी सरकार की परेशानी बढ़ गयी है. इन दस्तावेजों के आधार पर अदालतों में याचिका दायर की जा रही है. इस मामले को लेकर गुरुवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट में सरकार ने असंतुष्ट अधिकारियों […]

नयी दिल्ली : सरकार के संवेदनशील विभागों आैर संस्थानों से अहम दस्तावेज लीक होने से मोदी सरकार की परेशानी बढ़ गयी है. इन दस्तावेजों के आधार पर अदालतों में याचिका दायर की जा रही है. इस मामले को लेकर गुरुवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट में सरकार ने असंतुष्ट अधिकारियों पर दस्तावेज लीक करने का आरोप लगाया है. सरकार की गुहार पर कोर्ट ने इस मामले पर विचार करने का फैसला किया है.

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सरकार ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सीबीआई, कैबिनेट नोट सहित कई संवेदनशील व अहम दस्तावेज के आधार पर जनहित याचिका दायर करना बेहद गंभीर मसला है. उसने कहा कि जिन दस्तावेजों के आधार पर याचिकाएं दायर की जा रही हैं, वे सूचना अधिकार के दायरे में नहीं आते. लिहाजा, इन दस्तावेज के आधार पर जनहित याचिका दाखिल करने की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि कुछ ‘असंतुष्ट सरकारी अधिकारियों’ द्वारा कुछ संवेदनशील और संरक्षित दस्तावेज को निजी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है और इनके आधार पर याचिकाएं दायर की जा रही है.

इस पर पीठ ने सवाल किया कि क्या आपने इस संबंध में किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार इसे लेकर बेहद गंभीर है. इतना ही नहीं, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियां भी संवेदनशील दस्तावेज को संरक्षित करने में नाकाम हो रही हैं.वेणुगोपाल ने ये बात अगस्ता वेस्टलैंड मामले की सुनवाई के दौरान कही.

उन्होंने इस याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें अगस्त 2007 के राज्य सरकार के कैबिनेट नोट सहित अन्य दस्तावेज को शामिल किया गया है. इन दस्तावेज की प्रतिलिपि हासिल कर एक के बाद एक जनहित याचिकाएं दायर की जा रही हैं. कई बार तो सीबीआई आदि के पूरे दस्तावेज याचिका के साथ संलग्न होते हैं.

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकारी दस्तावेज की प्रतिलिपि हासिल करना आईटी एक्ट के तहत अपराध है. उन्होंने सुनवाई के दौरान पूर्व सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा डायरी लीक मामले का जिक्र किया. याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि एक अज्ञात व्यक्ति यह दस्तावेज उनके घर पहुंचा गया था.

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