नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में एक निजी कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के उस आवेदन को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि प्रश्नावली में लंबे और समान सवाल हैं जो हर आरोपी से किये गये हैं, जबकि वे उनके लिए प्रासंगिक नहीं हैं.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा की याचिका खारिज कर दी और कहा कि साजिश के मामले में हर साजिशकर्ता दूसरे साजिशकर्ता का एजेंट था.
न्यायाधीश ने कहा, यह एक साजिश का मामला है और प्रत्येक आरोपी के सामने प्रत्येक परिस्थिति को रखे जाने की जरुरत है. इस तरह के मामले में प्रत्येक साजिशकर्ता अन्य साजिशकर्ताओं का एजेंट होता है. अदालत ने यह भी कहा कि प्रत्येक आरोपी को अलग अलग प्रश्नावली दी गई है और सवाल मामले में सुनवाई के दौरान दर्ज साक्ष्य पर आधारित हैं.