नयी दिल्ली : इन दिनों दिल्ली स्मॉग की चपेट में है. स्मॉग के बारे में हम जाड़े के मौसम में ज्यादा सुनते हैं. इसका कारण गहराई में जाकर देखते है तो यह उतनी मुश्किल नहीं है जितना अंदाजा हम इसका अर्थ लेने में रखते है. यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है. Smoke+Fog = SMOG आइए जानते हैं स्मॉग क्या होता है और यह किस तरह से हमारे पर्यावरण को प्रभावित करता है.
स्मॉग की बात करें तो असल में पानी के कणों और धुंए में उपस्थित कार्बन के कणों के मिश्रित होने से यह बनता है जो सर्दी के मौसम में अधिक होता है क्योंकि उस समय कोहरे में पानी के कण हवा में होते है और कार्बन के कण उनमे आसानी से मिश्रित हो जाते है. स्मॉग की वजह से दृश्यता और भी कम हो जाती है. यही नहीं आपको यह बात भी जाननी होगी कि स्मॉग जो है उसकी समस्या उन क्षेत्रो में अधिक होती है जहां औद्योगिक काम अधिक होता है और उनकी वजह से प्रदूषण अधिक होता है.
दिल्ली जैसे शहरो में यह समस्या इसलिए अधिक होती है क्योंकि वहां पर एक तो फैक्ट्रीज अधिक होती है और पेड़ कम संख्या में पाये जाते हैं जो होने वाले प्रदुषण के प्रभाव को कम कर सकते हो.
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जानिए कैसे जानलेवा है स्मॉग
1. स्मॉग से फेफड़े और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारी का खतरा बना रहता है.
2. खांसी, जुकाम और सीने में दर्द की समस्या स्मॉग क्षेत्र के लोगों को हो सकती है.
3. रिपोर्ट की मानें तो देश की राजधानी दिल्ली में 10 में 4 बच्चे फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की चपेट में हैं.
4. 2 साल के बड़े बच्चों में अस्थमा की बीमारी बढ़ी है.
5. 15 साल से छोटे बच्चे ब्रोनकाइटिस बीमारी की चपेट में इसके कारण आ सकते हैं.
6. स्मॉग से स्किन संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है.
7. स्मॉग से बाल झड़ने की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
8. ब्लड प्रेशर के मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा स्मॉग से बना रहता है.
9. अस्थमा के रोगियों को अटैक पड़ने का खतरा स्मॉग से बना रहता है.

