वडोदरा/नागपुरः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने महिलाओं के खिलाफ भेदभाव वाली राहुल गांधी की कथित टिप्पणी पर पलटवार करते हुए हिंदुत्व संगठन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष से माफी की मांग की है. उसने कहा कि उन्हें पहले संघ की गतिविधियों को समझना चाहिए. गुजरात में मंगलवार को अपने चुनाव प्रचार अभियान के दूसरे दिन वडोदरा में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि आरएसएस महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि संघ के लोग महिलाओं को सम्मान नहीं देते. इसके साथ ही उन्होंने संघ के लोगों से सवाल किया था कि संघ की शाखाओं में कितनी महिलाएं नजर आयीं.
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कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस की गुजरात इकाई के प्रभारी विजय ठाकर ने एक बयान जारी कर कहा कि राहुल गांधी को पहले संघ की गतिविधियां समझनी चाहिए और ऐसे मामले पर टिप्पणियां करने से बचना चाहिए, जिसका कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्हें आरएसएस के कामकाज के बारे में पता नहीं है. आरएसएस की एक समानांतर संस्था राष्ट्र सेविका समिति है और दोनों वर्ष 1936 से राष्ट्र निर्माण में कार्य कर रहे हैं. इसके साथ ही ये दोनों संस्थाएं राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़ी हैं.
ठाकर ने कहा कि एक ही लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ में आने की हमेशा जरूरत नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि आरएसएस की महिला सदस्य लक्ष्यों को हासिल करने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मदद कर रही हैं. महिलाएं हमेशा आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेती हैं. इस बीच, नागपुर में संवाददातओं से बात करते हुए राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांतक्का ने कहा कि आरएसएस से प्रेरित राष्ट्र सेविका समिति पिछले 81 वर्षों से काम कर रही है. राष्ट्र सेविका समिति और आरएसएस दोनों समानांतर संगठन हैं.