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गुजरात में मोदी सरकार की ”चुनावी बुलेट ट्रेन”, कांग्रेस ने लगायी सवालों की झड़ी

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड एक्सप्रेस को चुनावी बुलेट ट्रेन बताया और कहा कि आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस समय इसकी शुरुआत की गयी है. विपक्षी दल ने कहा कि आधारशिला रखने के बाद पैकेज और बड़ी परियोजनाओं की घोषणा राज्य चुनावों के पहले मोदी सरकार की […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड एक्सप्रेस को चुनावी बुलेट ट्रेन बताया और कहा कि आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस समय इसकी शुरुआत की गयी है. विपक्षी दल ने कहा कि आधारशिला रखने के बाद पैकेज और बड़ी परियोजनाओं की घोषणा राज्य चुनावों के पहले मोदी सरकार की एक परिपाटी बन गई है.

पार्टी ने इस परियोजना पर फोकस कर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार पर पूरी तरह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का आरोप लगाया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूर्व की संप्रग सरकार द्वारा परिकल्पित परियोजना को लेकर साढ़े तीन साल की देरी का भी आरोप लगाया जिसके कारण यह आर्थिक रुप से अलाभकारी हो गयी है.

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कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी के पद संभालने के बाद से 29 बडे रेल हादसे में 259 यात्रियों की मौत और 973 लोगों के घायल होने के बावजूद भाजपा सरकार ने रेलवे सुरक्षा को नजरंदाज किया है. खडगे ने संवाददाताओं से कहा, यह गहरी चिंता का विषय है कि जब प्रधानमंत्री ने संप्रग (सरकार की) परियोजना को अपना लिया तो आधारशिला रखने के लिए यहां तक आने में उन्हें साढ़े तीन साल लग गए. (इस साल होने वाले) गुजरात चुनावों को ध्यान में रखा गया है…यह और कुछ नहीं बल्कि एक चुनावी बुलेट ट्रेन है. उन्होंने कहा, देश के लोगों को एक बार बेवकूफ बनाया गया.
देश के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और मोदी के मिथ्या दावे से बार-बार बेवकूफ नहीं बनेंगे. वे केवल भाषण देते हैं और फिर उन्हें भूल जाते हैं. उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह मोदी ने वाराणसी को क्योटो बना देने का वादा किया था. मोदी लोकसभा में वाराणसी का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया, हमने पिछले साढ़े तीन साल में देखा है कि किस तरह प्रधानमंत्री ने खास तौर पर चुनावों के लिए बड़ी परियोजनाओं का इस्तेमाल किया और चुनावों के पहले परियोजनाओं को आगे बढ़ाया.
पैकेजों और ऐसी परियोजनाओं की घोषणा हर चुनावों के पहले एक परिपाटी बन गयी है. पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि यह बहुत परेशान करने वाला है कि मोदी सरकार 1.1 लाख करोड़ रुपये लागत वाली इस एक बड़ी परियोजना पर फोकस कर रही है जबकि उसने ट्रेनों में रोजाना सफर करने वाले करोड़ों रेल यात्रियों की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है.
खडगे ने कहा कि बुलेट ट्रेन का वादा करने वाली भाजपा ने रेल बजट को पूरी तरह त्याग दिया जो कि रेलवे की स्थिति और क्षमता को दिखाता है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री लाल किले से रेलवे विस्तार के फर्जी दावे करते हैं जबकि उनकी सरकार ने नयी रेल लाइनों के निर्माण के लिए बजटीय आवंटन 12 प्रतिशत घटा दिया. उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में हमने खौफनाक रेल दुर्घटनाएं देखी है. रेल सुरक्षा के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की जरुरत है जबकि इस सरकार ने अब तक इस राशि का महज पांच प्रतिशत आवंटन किया है.
सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार रेलवे का दर्जा घटा रही है और आम लोगों की जिंदगी को संकट में डाल रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में हताहतों और दुर्घटनाओं की रिकार्ड संख्या से रेल हादसों में भारत किसी भी देश से आगे रहा. यह दशक में सबसे ज्यादा है. दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि सुरक्षा कर्मचारियों के लिए भारत में 1.42 लाख पद खाली पड़े हैं जो कि विशेषज्ञों के मुताबिक बड़ी चिंता का कारण है और सरकारी लापरवाही का स्पष्ट मामला है.

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