नयी दिल्लीः दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक अभियान चला कर कम से कम 15 हजार अवैध इमारतें हटवाने वाले पूर्व प्रशासनिक अधिकारी अलफोन्स कन्नाथनम अब मोदी कैबिनेट के विस्तार का हिस्सा बन सकते हैं. यूं तो कन्नाथनम को राजनीति का लंबा अनुभव नहीं है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर उन्होंने नेताओं और उनके काम काज को काफी नजदीक से देखा है. दिल्ली में उन्हें डिमोलीशन मैन के नाम से भी जाना जाता है. सेवानिवृत्ति के बाद वह केरल के कंजीरापल्ली से 2006-2011 के लिए विधानसभा सदस्य चुने गये. इसके अलावा, वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 निर्माण समिति के सदस्य भी हैं.
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कोट्टायम जिले के मनीमाला गांव में एक सैनिक परिवार में जन्में कन्नाथनम ने कोट्टायम के जिला कलेक्टर के अपने कार्यकाल के दौरान 1989 में इसे 100 फीसदी साक्षरता वाला शहर बना कर देश में साक्षरता अभियान की शुरुआत की थी. पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने 1994 में जनशक्ति नामक एक एनजीओ की स्थापना की थी, जिसमें उन्होंने लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उनमें सरकार को जनता के प्रति जिम्मेदार बनाने की क्षमता है.
केरल से 1979 बैच के आईएएस अधिकारी रहे कन्नाथनम दिल्ली विकास प्राधिकरण में आयुक्त थे और भारी मात्रा में अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने के कारण इन्हें दिल्ली के डिमोलीशन मैन के नाम से भी जाना जाता रहा. इतनी बड़ी उपलब्धि के कारण उनका नाम 1994 में टाइम्स मैगजीन के 100 युवा वैश्विक हस्तियों की सूची में शामिल किया गया था. इन उपलब्धियों के अलावा उनके पास एक गुण और है और वह है ‘अच्छे लेखन’ का. उनकी किताब ‘मेकिंग ए डिफरेंस’ बेस्ट सेलिंग बुक की श्रेणी में शामिल है.