नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वह चीन में होने वाले आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि इसे शांति और सुरक्षा को बरकरार रखने और वैश्चिक चुनौतियों का निवारण करने में महत्वपूर्ण योगदान देना है. प्रधानमंत्री ने एक वक्तव्य में कहा कि मैं गोवा शिखर सम्मेलन के नतीजों के आधार पर आगे बढ़ने को उत्सुक हूं. मैं रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति भी उत्सुक हूं, जो चीन की अध्यक्षता में मजबूत ब्रिक्स भागीदारी के एजेंडा का समर्थन करेगा.
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मोदी चार सितंबर को होने वाले ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार को शियामेन रवाना होंगे. मोदी की यह यात्रा 73 दिन तक भारत और चीन के बीच चले डोकलाम गतिरोध के समाप्त करने के कुछ दिन बाद हो रही है. शियामेन से वह पांच सितंबर को तीन दिवसीय यात्रा पर म्यांमा रवाना होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह चीन में होनेवाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति उत्सुक हैं.
म्यांमा की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के बारे में मोदी ने कहा कि दोनों देश सुरक्षा और आतंकवाद निरोध, व्यापार एवं निवेश, आधारभूत संरचना और ऊर्जा और संस्कृति के क्षेत्र में अपने मौजूदा सहयोग को मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे. ब्रिक्स पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करने का अवसर मिलेगा. एक खास सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने रविवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठक की संभावना से इंकार नहीं किया था.
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस तरह की बहुपक्षीय बैठक से इतर द्विपक्षीय बैठकों की व्यवस्था का सामान्य दस्तूर है. भारत ने पिछले साल गोवा में पिछले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ब्रिक्स की भूमिका को काफी महत्व देता है, जिसने शांति और प्रगति के लिए अपनी भागीदारी के दूसरे दशक की शुरुआत की है. ब्रिक्स को वैश्विक चुनौतियों का निवारण करने और विश्व शांति और सुरक्षा को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान देना है. मोदी ने कहा कि वह नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ भी संवाद करने को उत्सुक हैं. इसमें ब्रिक्स भागीदारों और उभरते बाजार और विकासशील देशों के बीच संवाद शामिल है. इस वार्ता की मेजबानी पांच सितंबर को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग करेंगे.
उन्होंने कहा कि हम ब्रिक्स बिजनेस काउन्सिल के साथ भी संवाद करेंगे जिसमें सभी पांच देशों का प्रतिनिधित्व उद्योग जगत के नेता करेंगे. पांच से सात सितंबर के बीच होने वाली अपनी म्यांमा यात्रा पर मोदी ने उम्मीद जतायी कि यह दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग की रुपरेखा तैयार करने में मददगार होगी. मोदी ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में विकास की समीक्षा करेंगे. इसमें म्यांमा में जो भारत व्यापक विकास सहयोग कार्यक्रम चला रहा है और सामाजिकआथर्कि सहायता दे रहा है, उस पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जायेगा.
दोनों पक्ष सहयोग के नये क्षेत्रों को भी तलाशेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह प्रसिद्ध विरासत नगरी बागान भी जाने को उत्सुक हैं. बागान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने आनंद मंदिर के जीर्णोद्धार में शानदार काम किया है और वहां वह पिछले साल आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हुए कई पैगोडा और भित्ति चित्रों को बहाल करने का आगे काम करेगी. मोदी ने आसियान भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 2014 में म्यांमा की यात्रा की थी. प्रधानमंत्री मोदी अपनी म्यांमा यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति यू हतिन क्याव और स्टेट काउन्सिलर आंग सान सू ची से भी मुलाकात करेंगे.
म्यांमा के राष्ट्रपति और सू ची ने पिछले साल भारत की यात्रा की थी. मोदी ने कहा कि मैं म्यांमा के भारतीय मूल के समुदाय से मिलने और संवाद करने को भी उत्सुक हूं, जिनका इतिहास एक शताब्दी से भी अधिक पुराना है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारतम्यांमा के संबंध में एक नया उज्ज्वल अध्याय शुरु करेगी और हमारी सरकारों, हमारे व्यापारिक समुदाय और दोनों देशों की जनता के स्तर पर करीबी सहयोग की रूपरेखा तैयार करने में मदद करेगी.