29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पढ़ें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का देश के नाम संबोधन की 10 खास बातें

नयी दिल्ली : देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पहली बार आज राष्ट्र को संबोधित किया. स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा,स्वतंत्रता के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. कल देश आजादी की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा […]

नयी दिल्ली : देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पहली बार आज राष्ट्र को संबोधित किया. स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा,स्वतंत्रता के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. कल देश आजादी की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. इस वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर मैं आप सबको हार्दिक बधाई देता हूं. आजादी के लिए हम उन सभी अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के ऋणी हैं जिन्होंने इसके लिए कुर्बानियां दी थीं.

राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कहा, ‘न्यू इंडिया’ में गरीबी के लिए कोई गुंजाइश नहीं है. सन् 2022 में हमारा देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे करेगा. तब तक ‘न्यू इंडिया‘ के लिए कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने का हमारा ‘राष्ट्रीय संकल्प’ है. जब हम ‘न्यू इंडिया’ की बात करते हैं तो हम सबके लिए इसका क्या अर्थ होता है? कुछ तो बड़े ही स्पष्ट मापदंड हैं जैसे हर परिवार के लिए घर, मांग के मुताबिक बिजली, बेहतर सड़कें और संचार के माध्यम, आधुनिक रेल नेटवर्क, तेज और सतत विकास.

लेकिन इतना ही काफी नहीं है. यह भी जरूरी है कि ‘न्यू इंडिया’ हमारे डीएनए में रचे-बसे. समग्र मानवतावादी मूल्यों को समाहित करें. ये मानवीय मूल्य हमारे देश की संस्कृति की पहचान है. यह ‘न्यू इंडिया’ एक ऐसा समाज होना चाहिए, जो भविष्य की ओर तेजी से बढ़ने के साथ-साथ, संवेदनशील भी हो.

‘न्यू इंडिया’ का अभिप्राय है कि हम जहां पर खड़े हैं वहां से आगे जाएं. तभी हम ऐसे ‘न्यू इंडिया’ का निर्माण कर पाएंगे जिस पर हम सब गर्व कर सकें. ऐसा ‘न्यू इंडिया’ जहां प्रत्येक भारतीय अपनी क्षमताओं का पूरी तरह विकास और उपयोग करने में इस प्रकार सक्षम हो कि हर भारतवासी सुखी रहे. यह एक ऐसा ‘न्यू इंडिया’ बने जहां हर व्यक्ति की पूरी क्षमता उजागर हो सके और वह समाज और राष्ट्र के लिए अपना योगदान कर सके. मुझे पूरा भरोसा है कि नागरिकों और सरकार के बीच मजबूत साझेदारी के बल पर ‘न्यू इंडिया’ के इन लक्ष्यों को हम अवश्य हासिल करेंगे.

आधुनिक टेक्नॉलॉजी को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लाने की आवश्यकता है. हमें अपने देशवासियों को सशक्त बनाने के लिए टेक्नॉलॉजी का प्रयोग करना ही होगा, ताकि एक ही पीढ़ी के दौरान गरीबी को मिटाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके.

* नोटबंदी के समय लोगों ने धैर्य का परिचय दिया

नोटबंदी के समय जिस तरह आपने असीम धैर्य का परिचय देते हुए कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया, वह एक जिम्मेदार और संवेदनशील समाज का ही प्रतिबिंब है. नोटबंदी के बाद से देश में ईमानदारी की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिला है. ईमानदारी की भावना दिन-प्रतिदिन और मजबूत हो, इसके लिए हमें लगातार प्रयास करते रहना होगा.

* देश की जनता ने जीएसटी को सहर्ष स्वीकारा

सरकार ने टैक्स की प्रणाली को आसान करने के लिए जीएसटी. को लागू किया है, प्रक्रियाओं को आसान बनाया है. लेकिन इसे अपने हर काम-काज और लेन-देन में शामिल करना तथा टैक्स देने में गर्व महसूस करने की भावना को प्रसारित करना हममें से हर एक की जिम्मेदारी है.

मुझे खुशी है कि देश की जनता ने जीएसटी को सहर्ष स्वीकारा है. सरकार को जो भी राजस्व मिलता है, उसका उपयोग राष्ट्र निर्माण के कार्यों में ही होता है। इससे किसी गरीब और पिछड़े को मदद मिलती है, गांवों और शहरों में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण होता है, और हमारे देश की सीमाओं की सुरक्षा मजबूत होती है.

* सरकारी यो‍जनाओं को सफल बनाने की अपील

सरकार ने ‘स्वच्छ भारत’ अभियान शुरू किया है लेकिन भारत को स्वच्छ बनाना, हममें से हर एक की जिम्मेदारी है. सरकार शौचालय बना रही है और शौचालयों के निर्माण को प्रोत्साहन दे रही है, लेकिन इन शौचालयों का प्रयोग करना और देश को ‘खुले में शौच से मुक्त’ कराना हममें से हर एक की जिम्मेदारी है.

सरकार देश के संचार ढांचे को मजबूत बना रही है, लेकिन इंटरनेट का सही उद्देश्य के लिए प्रयोग करना, ज्ञान के स्तर में असमानता को समाप्त करना, विकास के नए अवसर पैदा करना, शिक्षा और सूचना की पहुंच बढ़ाना हममें से हर एक की जिम्मेदारी है. सरकार ‘बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ’ के अभियान को ताकत दे रही है लेकिन यह सुनिश्चित करना कि हमारी बेटियों के साथ भेदभाव न हो और वे बेहतर शिक्षा प्राप्त करें – हममें से हर एक की जिम्मेदारी है.

सरकार कानून बना सकती है और कानून लागू करने की प्रक्रिया को मजबूत कर सकती है लेकिन कानून का पालन करने वाला नागरिक बनना, कानून का पालन करने वाले समाज का निर्माण करना – हममें से हर एक की जिम्मेदारी है.

* पूरी दुनिया भारत को देखती है सम्मान से

आज पूरी दुनिया भारत को सम्मान से देखती है. जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं, आपसी टकराव, मानवीय संकटों और आतंकवाद जैसी कई अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने में विश्व पटल पर भारत अहम भूमिका निभा रहा है.

* खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए काम करें सरकारें

विश्व समुदाय की दृष्टि में भारत के सम्मान को और बढ़ाने का एक अवसर है – सन् 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में भारत के प्रदर्शन को प्रभावशाली बनाना. अब से लगभग तीन सालों में हासिल किए जाने वाले इस उद्देश्य को एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में लेना चाहिए. सरकारें, खेलकूद से जुड़े संस्थान, तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान एकजुट होकर प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को आगे लाने, उन्हें विश्व स्तर की सुविधाएं और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में इस तरह से लग जाएं जिससे खिलाडि़यों को अधिक से अधिक सफलता मिल सके.

* सब्सिडी त्याग करने वालों को नमन

प्रधान मंत्री की एक अपील पर, एक करोड़ से ज्यादा परिवारों ने अपनी इच्छा से एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ दी. ऐसा उन परिवारों ने इसलिए किया ताकि एक गरीब के परिवार की रसोई तक गैस सिलेंडर पहुंच सके और उस परिवार की बहू-बेटियां मिट्टी के चूल्हे के धुंए से होने वाले आंख और फेफड़े की बीमारियों से बच सकें. मैं सब्सिडी का त्याग करने वाले ऐसे परिवारों को नमन करता हूं. उन्होंने जो किया, वह किसी कानून या सरकारी आदेश का पालन नहीं था. उनके इस फैसले के पीछे उनके अंतर्मन की आवाज थी.

* राष्ट्र निर्माण के लिए जरूरी है भावी पीढ़ी पर ध्यान देना

राष्ट्र निर्माण के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपनी भावी पीढ़ी पर पूरा ध्यान दें. आर्थिक या सामाजिक सीमाओं के कारण हमारा एक भी बच्चा पीछे न रह जाए. इसलिए मैं राष्ट्र निर्माण में लगे आप सभी लोगों से समाज के गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद करने का आग्रह करता हूं. अपने बच्चे के साथ ही, किसी एक और बच्चे की पढ़ाई में भी मदद करें. यह मदद किसी बच्चे का स्कूल में दाखिला करवाना हो सकता है, किसी बच्चे की फीस भरनी हो सकती है या किसी बच्चे के लिए किताबें खरीदना हो सकता है. ज्यादा नहीं, सिर्फ एक बच्चे के लिए. समाज का हर व्यक्ति नि:स्वार्थ भाव से ऐसे काम करके राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका रेखांकित कर सकते हैं.


* समाज में अपनत्व और साझेदारी की भावना को पुनः जगाने की आवश्यकता

बहुत से लोगों को वर्षों तक यह भी नहीं मालूम होता कि उनके पड़ोस में कौन रहता है. इसलिए, गांव हो या शहर, आज समाज में उसी अपनत्व और साझेदारी की भावना को पुनः जगाने की आवश्यकता है. इससे हमें एक दूसरे की भावनाओं को समझने और उनका सम्मान करने में तथा एक संतुलित, संवेदनशील और सुखी समाज का निर्माण करने में मदद मिलेगी.

आज भी एक दूसरे के विचारों का सम्मान करने का भाव, समाज की सेवा का भाव, और खुद आगे बढ़कर दूसरों की मदद करने का भाव, हमारी रग-रग में बसा हुआ है. अनेक व्यक्ति और संगठन, गरीबों और वंचितों के लिए चुपचाप और पूरी लगन से काम कर रहे हैं.

* स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद

राष्‍ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा, कित्तूर की रानी चेन्नम्मा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, भारत छोड़ो आंदोलन की शहीद मातंगिनी हाज़रा जैसी वीरांगनाओं के अनेक उदाहरण हैं. मातंगिनी हाज़रा लगभग 70 वर्ष की बुजुर्ग महिला थीं. बंगाल के तामलुक में एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते समय ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें गोली मार दी थी. ‘वंदे मातरम्’ उनके होठों से निकले आखिरी शब्द थे और भारत की आज़ादी, उनके दिल में बसी आखिरी इच्छा. देश के लिए जान की बाजी लगा देने वाले सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, तथा बिरसा मुंडा जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों को हम कभी नहीं भुला सकते.

* गांधीजी के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक

आजादी की लड़ाई की शुरुआत से ही हम सौभाग्यशाली रहे हैं कि देश को राह दिखाने वाले अनेक महापुरुषों और क्रांतिकारियों का हमें आशीर्वाद मिला. उनका उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करना नहीं था. महात्मा गांधी ने समाज और राष्ट्र के चरित्र निर्माण पर बल दिया था. गांधीजी ने जिन सिद्धांतों को अपनाने की बात कही थी, वे हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हैं. राष्ट्रव्यापी सुधार और संघर्ष के इस अभियान में गांधीजी अकेले नहीं थे. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जब ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा’ का आह्वान किया तो हजारों-लाखों भारतवासियों ने उनके नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ते हुए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया.

* नेहरू से लेकर अंबेडकर की चर्चा की

नेहरूजी ने हमें सिखाया कि भारत की सदियों पुरानी विरासतें और परंपराएं, जिन पर हमें आज भी गर्व है, उनका टेक्नॉलॉजी के साथ तालमेल संभव है, और वे परंपराएं आधुनिक समाज के निर्माण के प्रयासों में सहायक हो सकती हैं. सरदार पटेल ने हमें राष्ट्रीय एकता और अखंडता के महत्व के प्रति जागरूक किया; साथ ही उन्होंने यह भी समझाया कि अनुशासन-युक्त राष्ट्रीय चरित्र क्या होता है. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान के दायरे मे रहकर काम करने तथा ‘कानून के शासन’ की अनिवार्यता के विषय में समझाया. साथ ही, उन्होंने शिक्षा के बुनियादी महत्व पर भी जोर दिया.

* ‘अप्प दीपो भव… यानि अपना दीपक स्वयं बनो…’

ढाई हजार वर्ष पहले, गौतम बुद्ध ने कहा था, ‘अप्प दीपो भव… यानि अपना दीपक स्वयं बनो…’ यदि हम उनकी शिक्षा को अपनाते हुए आगे बढ़ें तो हम सब मिलकर आजादी की लड़ाई के दौरान उमड़े जोश और उमंग की भावना के साथ सवा सौ करोड़ दीपक बन सकते हैं; ऐसे दीपक जब एक साथ जलेंगे तो सूर्य के प्रकाश के समान वह उजाला सुसंस्कृत और विकसित भारत के मार्ग को आलोकित करेगा.

* भावी पीढ़ी को मजबूत बनाने पर होना चाहिए ध्‍यान

राष्ट्र निर्माण के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपनी भावी पीढ़ी पर पूरा ध्यान दें. आर्थिक या सामाजिक सीमाओं के कारण हमारा एक भी बच्चा पीछे न रह जाए. इसलिए मैं राष्ट्र निर्माण में लगे आप सभी लोगों से समाज के गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद करने का आग्रह करता हूं. अपने बच्चे के साथ ही, किसी एक और बच्चे की पढ़ाई में भी मदद करें. यह मदद किसी बच्चे का स्कूल में दाखिला करवाना हो सकता है, किसी बच्चे की फीस भरनी हो सकती है या किसी बच्चे के लिए किताबें खरीदना हो सकता है. ज्यादा नहीं, सिर्फ एक बच्चे के लिए. समाज का हर व्यक्ति नि:स्वार्थ भाव से ऐसे काम करके राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका रेखांकित कर सकते हैं.

ज्ञात हो सत्तारुढ राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुनाव में 65 फीसदी से अधिक वोट प्राप्त कर भारी बहुमत से जीत दर्ज की और देश के 14वें राष्ट्रपति बनें.उन्होंने 25 जुलाई को शपथ ग्रहण किया. कोविंद को 65.65 प्रतिशत मत मिले जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 34.35 फीसदी वोट मिले. कोविंद ने करीब 31 प्रतिशत मतों के अंतर से मीरा कुमार को पराजित किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें