जयपुर : राजस्थान में भाजपा सरकार द्वारा महाराणा प्रताप के इतिहास को बदलने की खबर फरवरी के महीने में ही आयी थी. राज्य सरकार ने अब इसपर अपनी मुहर लगा दी है. महाराणा प्रताप ने अकबर को 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई में पराजित किया था, यह जानकारी अब राजस्थान में 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए तैयार की गयी सोशल साइंस की नयी किताब में दी जाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिर्फ स्कूल ही नहीं बल्कि राजस्थान यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग ने भी कुछ बदलाव किये हैं. विभाग ने इतिहास के दो सेक्शनों के नाम बदले हैं. विभाग ने “प्राचीन इतिहास” (600 BC- 1200AD) का नाम बदलकर “गोल्डन एरा ऑफ इंडिया” नाम दिया है जबकि “मध्यकालीन इतिहास” (1200 AD- 1700AD) का नाम को बदलकर “स्ट्रग्लिंग इंडिया” कर दिया है.
1576 का हल्दीघाटी युद्ध : 441 साल बाद सामने आनेवाला है फैसला, महाराणा प्रताप होंगे विजेता
गौरतलब है कि महाराणा प्रताप के इतिहास को बदलने की जानकारी इसी वर्ष के आरंभ में आयी थी. फरवरी 2017 में वसुंधरा राजे सरकार के तीन मंत्रियों ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसके तहत इतिहास के तथ्य बदलने की बात कही गयी थी. उस वक्त महाराणा प्रताप के हल्दीघाटी युद्ध को लेकर चर्चा जोरों पर थी क्योंकि इस युद्ध के बारें में इतिहासकार अलग-अलग राय रखते आ रहे हैं.
क्या रखे गये थे तथ्य
फरवरी 2017 में राजस्थान विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर और इतिहासकार डॉक्टर चन्द्रशेखर शर्मा ने एक शोध किया जिसे सबके सामने रखा. इस शोध के मुताबिक 18 जून 1576 ई. को हल्दीघाटी युद्ध मेवाड़ तथा मुगलों के बीच हुआ था. युद्ध के परिणाम के बारे में कई तरह की चर्चा है लेकिन असल में इस युद्ध में महाराणा प्रताप ने जीत हासिल की थी. डॉ. शर्मा ने जीत को दर्शाते प्रमाण राजस्थान विश्वविद्यालय में जमा कराये थे.
क्या कहा था गृहमंत्री ने
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मई 2017 में कहा था कि महाराणा प्रताप को इतिहास में वह जगह नहीं मिली जो उन्हें मिलनी चाहिए थी. महाराणा प्रताप में ऐसी क्या खामी थी आखिर… ये बातें गृह मंत्री ने राज्य के पाली जिले के खारोकडा गांव में महाराणा महाराणा प्रताप की अनावरण कार्यक्रम के दौरान कही थी. राजनाथ सिंह ने कहा था कि उन्हें आश्चर्य है कि इतिहासकारों को अकबर की महानता तो नजर आयी, लेकिन राजस्थान के वीर सपूत महाराणा प्रताप की महानता नजर नहीं आयी.

